पांच साल बाद एशिया की दों बडी टीमें भारत और श्रीलंका के बीच 12 अगस्त से गॉल में टेस्ट सीरीज खेली गयी. ये सीरीज काफी भावनात्मक थी हर क्रिकेट फैन के लिए, कुमार संगाकारा इस सीरीज में रिटायर हो गये.
भारतीय टीम के लिए विराट कोहली की कप्तानी में ये नयी शुरूआत थी. श्रीलंका के लिए संगाकारा को अच्छी विदाई देना बडी जिम्मेदारी थी. पहले टेस्ट मैच में अश्विन ने श्रीलंकाई टीम पर काफी दबाव बनाया था, लेकिन श्रीलंका ने भारत को 176 रन का लक्ष्य दिया था.
ये लक्ष्य बडा नहीं था, लेकिन रंगाना हेराथ की शानदार गेंदबाजी के बदौलत श्रीलंका ने पहला टेस्ट मैच 63 रन से जीत लिया था. इसके बाद भारतीय टीम पर काफी दबाव बढा, लेकिन भारत ने अगले मैच में शानदार वापसी की.
दूसरे टेस्ट में राहुल और कोहली के शानदार बल्लेबाजी के बदौलत भारत ने 393 रन बनाए. श्रीलंका ने इसके जवाब में 306 रन बनाए. और दुसरी पारी में रहाणे के शानदार शतक के बदौलत भारत ने श्रीलंका को 413 रन का लक्ष्य दिया था.
अश्विन ने एक बार फिर शानदार गेंदबाजी की. अश्विन ने 6 विकेट लिए, और भारत ने दुसरा टेस्ट मैच 278 रन से जीता. कोहली की बतौर कप्तान ये पहली जीत थी. राहुल को मैन अॉफ द मैच से नवाजा गया, और भारत ने सीरीज 1-1 से बराबर की थी.
तीसरा मैच कोलंबों के एसएससी में खेला गया, जो श्रीलंका संगाकारा के बिना खेल रहा था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 312 रन बनाए. पुजारा ने नाबाद 145 रन की शानदार पारी खेली.
इस मुश्किल पिच पर पुजारा ने अपना जलवा दिखाया. फिर इशांत शर्मा ने 5 विकेट लेकर श्रीलंकाई पारी को 201 रन पर अॉल आउट किया. एक वक्त श्रीलंका का स्कोर 6 विकेट पर 47 रन था. भारतीय पारी दुसरी पारी में भी लडखडा गयी.
लेकिन अच्छी लिड की वजह से भारत ने श्रीलंका के सामने 386 रन का लक्ष्य रखा. लेकिन मैथ्यूज का शतक भी श्रीलंका को हार से बचा नहीं पाया, और उसे ये सीरीज गवांनी पडी. रवीचन्द्र अश्विन ने इस सीरीज में 21 विकेट लिए, और उन्हें मैन अॉफ द सीरीज अवॉर्ड मिला. तीन साल बाद भारत ने भारत से बाहर टेस्ट सीरीज जीती. और कोहली की ये बतौर कप्तान पहली सीरीज जीत थी.
ये सीरीज काफी शानदार रहीं, और टेस्ट क्रिकेट के लिए काफी अच्छी थी. दोनों टीमों ने अंतिम समय तक संघर्ष की. लेकिन ये सीरीज हमेशा के लिए, कुमार संगाकारा की विदाई के लिए याद की जाएगी.