फटाफट क्रिकेट यानी टी20 क्रिकेट की वजह से भले ही क्रिकेट के सबसे पुराने और लम्बे फॉर्मेट के वर्चस्व पर भले ही आज सवाल उठ रहे हों, लेकिन इस फॉर्मेट की विश्वसनीयता आज भी कायम है. किसी भी खिलाड़ी को पूर्ण रूप से तभी काबिल माना जाता है जब वह इस लम्बे फॉर्मेट में अपने आप को साबित करता है.
ऐसा भी नही है कि टेस्ट क्रिकेट धीमा खेल है. इस फॉर्मेट में भी कई खिलाड़ियों ने फटाफट क्रिकेट की तर्ज पर बल्लेबाजी की है. आज हम ऐसे ही खिलाड़ियों की बात करेंगे, जिन्होंने तूफानी पारी खेलते हुए, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज दोहरे शतक लगाए.
1. नाथन एस्टल-
न्यूज़ीलैण्ड के खिलाड़ी नाथन एस्टल का नाम दुनिया में टेस्ट क्रिकेट में दोहरा सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है. सन् 2002 में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच क्राइसचर्च में खेले गये टेस्ट में इस खिलाड़ी ने केवल टेस्ट इतिहास का सबसे तेस्ज दोहरा शतक लगाया था बल्कि, अपनी टीम को भी संकट से उबारा था.
नाथन एस्टल ने केवल 153 गेंदों में हे दोहरा शतक ठोक दिया. बड़ी बात यह थी कि एस्टल ने अपने दूसरे 100 रन मात्र 39 गेंदों में मारे किए थे.
2. बेन स्टोक्स-
इंग्लैंड के आलराउंडर खिलाड़ी बेन स्ट्रोक्स ने वीरेन्द्र सहवाग के सबसे तेज गेंदों ने दोहरे शतक को पीछे छोड़ दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया.
दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच न्यूलैंड्स, कैपटाउन में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैमंड के बेन स्टोक्स ने 163 गेंदों में दोहरा शतक लगाकर अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में दूसरा स्थान हासिल किया.
3. वीरेन्द्र सहवाग-
भारत के विष्फोटक बल्लेबाज विरेद्न्रा सहवाग विश्व के तीसरे सबसे तेज दोहरा शतक जड़ने वाले बल्लेबाज हैं. सहवाग ने अपना सबसे तेज दोहरा शतक साल 2009-10 में श्रीलंका के खिलाफ लगाया था. सहवाग ने श्रीलंकाई गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए मात्र 168 गेंदों में दोहरा शतक ठोंक दिया था.
4. हर्षल गिब्स-
दक्षिण अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज हर्षल गिब्स हमेशा ही अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने गये. हर्षल गिब्स ने 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ केपटाउन में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच गिब्स ने इस टेस्ट मैच में 211 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया था.
5. ब्रैंडन मैक्कुलम-
इस लिस्ट में पांचवां नाम है न्यूज़ीलैण्ड टीम के पूर्व कप्तान ब्रैंडन मैकुलम का. ब्रेडन ने साल 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के तीसरे क्रिकेट टेस्ट मैच बतौर सलामी बल्लेबाज करते हुए 186 गेंदों में 200 रन ठोंक दिए थे और वह अंततः 188 गेंदों में 202 रन बनाकर आउट हुए थे.