विराट कोहली का ऑस्ट्रेलिया के साथ कुछ अलग ही रिश्ता है, चाहे वो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हो या फिर ऑस्ट्रेलियाई फैन्स. इस बात में कोई शक नहीं है कि विराट ने अपने खेल से सभी को अपना प्रशंसक बना लिया है, लेकिन इसके बाद भी ऑस्ट्रेलिया के फैन्स इंडिया के टेस्ट कप्तान से उलझने से नहीं रुके.
कोहली एक आक्रामक खिलाड़ी है, और वो केवल आक्रामक क्रिकेट खेलना जानते है, और यह हर समय नज़र भी आता है चाहे वो बैटिंग कर रहे हों या फील्डिंग.
ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे पर 2011-2012 में कोहली ने सिडनी में दर्शकों को उंगली दिखाई और विवाद का हिस्सा बन गए थे, लेकिन अगले ही टेस्ट मैच में कोहली ने शतक लगा कर ऑस्ट्रेलिया के फैन्स के दिल में खास जगह बना ली थी.
उस वाक्ये के चार साल बाद एक और ऐसा वाक्या हुआ जिसने कोहली को निराश किया होगा. 2014-2015 की सीरीज़ के आखिरी टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 572 रनों का विशाल स्कोर बनाया जिसके जवाब में इंडिया ने 475 रन बनाए. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने भुवनेश्वर कुमार की एक गेंद पर बड़ा शॉट लगाया और गेंद का पीछा करते हुए विराट कोहली ने दौड़ लगाई लेकिन कैच नहीं पकड़ सके.
कोहली फिर गेंद को बाउंड्री में जाने से रोकने गए लेकिन संतुलन खोने के कारण बॉल बाउंड्री के पार चली गयी, और वहाँ बैठे दर्शक कोहली को चिढ़ाने के लिए तालियाँ बजाने लगे, लेकिन कोहली ने इस बार फैन्स का सामना अच्छे तरीके से किया, जिससे यह साफ़ है, कि कोहली अब खिलाड़ी के तौर पर कितना बदल चुके है. और अपने आक्रामक रवैये को केवल खेल तक ही रखना सीख चुके है.