वेस्ट इंडीज़ के महान क्रिकेटरों में से एक सर विवियन रिचर्ड्स ने विराट कोहली की आक्रामकता की जमकर तारीफ़ की है। विराट के करियर की शुरुआत से ही रिचर्ड्स  विराट कोहली के बड़े फ़ैन रहे हैं। रिचर्ड्स ने कहा, ”लोगों को विराट की आक्रामकता की आलोचना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि विराट में अपने रवैये की बराबरी करने के लिए ज़रूरी गुण भी मौजूद है।”

वेस्ट इंडीज़ के महान बल्लेबाज़ों में शुमार रिचर्ड्स ने ये भी कहा, ”मुझे विराट के रवैये में कुछ भी ग़लत नज़र नहीं आता। वो एम.एस. धोनी से अलग कप्तान हैं। मेरे अनुसार मैदान पर जज्बा और आक्रामकता दिखाने के साथ-साथ आपके खेल का स्तर भी ऊंचा होना चाहिए जो विराट के पास है। कोहली हर किसी को उसी की भाषा में जवाब देना जानते हैं।”

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वेस्ट इंडीज़ की ओर से 121 टेस्ट खेल चुके रिचर्ड्स को कोहली इसलिए भी पसंद हैं क्योंकि वो संघर्ष करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उनके मुताबिक विराट के जज्बे को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि कोहली के साथ भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है।

विराट ने 2015 में अब तक खेले 15 वनडे में 31.50 की औसत से 378 रन बनाए हैं जिसमें सिर्फ़ एक शतक शामिल है। इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 107 का रहा। इंग्लैंड में विराट की विफलता और हाल के दिनों में उनकी ख़राब बल्लेबाज़ी को रिचर्ड्स ने एक सिरे से खारिज़ कर दिया। 187 वनडे खेल चुके रिचर्ड्स ने कहा, ”विराट की उम्र सिर्फ़ 26 साल है और वो लंबे समय तक क्रिकेट खेल सकते हैं।’

रिचर्ड्स के मुताबिक उन्होंने विराट को काफ़ी क़रीब से देखा है और विराट अपने खेल में सुधार करना चाहते हैं। रिचर्ड्स ने ये भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ समस्याएं आती रहती हैं, लेकिन इससे उबरने के लिए खिलाड़ी के पास सकारात्मक सोच और सफल होने की अटलता होनी चाहिए।

63 साल के महान क्रिकेटर को भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई के साथ काम करने से कोई परहेज़ नहीं है। रिचर्ड्स ने कहा कि अगर बीसीसीआई उनसे भारतीय बल्लेबाज़ों की मदद करने को कहता है तो वो इसके लिए तैयार हैं।

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