दांत टूटने के बाद भी खेलता रहा यह भारतीय क्रिकेटर और लगा डाला अर्द्धशतक, विरोधी टीम भी जज्बा देखकर रह गयी हैरान 1

भारतीय क्रिकेट इतिहास में 31 अक्टूबर का दिन बेहद ही खास माना जाता है। आखिर ये दिन खास होगा भी क्यों ना… 31 अक्टूबर के दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे पहले कप्तान सीके नायडू का जन्म हुआ था। भारतीय क्रिकेट इतिहास के पहले कप्तान सीके नायडू का जन्म 31 अक्टूबर 1895 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ।

भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान सीके नायडू की 122वीं जयंती पर भारतीय पूर्व क्रिकेटर नारी कॉन्ट्रेक्टर और माधव आप्टे ने सीके नायडू के भारतीय क्रिकेट में दिए योगदान को याद किया।

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दांत टूटने के बाद भी खेलता रहा यह भारतीय क्रिकेटर और लगा डाला अर्द्धशतक, विरोधी टीम भी जज्बा देखकर रह गयी हैरान 2

सीके नायडू की किताब के विमोचन में आप्टे ने सुनाया एक खास किस्सा

सीके नायडू की जयंती के मौके पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज नारी कॉन्ट्रेक्टर और माधव आप्टे ने उनके करियर से जुड़ा एक किस्सा सुनाया। जिसमें इन दोनों ने बताया कि कैसे एक बार सीके नायडू ने चेहरे पर गेंद लगने के कारण दांद टूटने के बाद भी शानदार अर्धशतक लगाया था।

आदित्य भूषण नाम के लेखक ने सीके नायडू पर  “ए कर्नल डेस्टाइंड टू लीड” के नाम से एक किताब लिखी। जिसका विमोचन उनकी जयंती के मौके पर सीसीआई में माधव आप्टे और नारी कॉन्ट्रेक्टर ने किया।

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दांत टूटने के बाद भी विकेट पर डटे रहे और जड़ दिया अर्धशतक

भारतीय पूर्व खिलाड़ी माधव आप्टे ने याद करते हुए बताया कि

“साल 1952 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में तात्कानीन बंबई और भारतीय टीम के ऑलराउंडर रहे दत्तू फडकर ने नायडू और बाउंसर फेंकी थी।इसमें होल्कर टीम के सीके नायडू आगे बढ़कर खेले जिसमें उनका दांत टूट गया। मैं फील्डिंग कर रहा था और दौड़कर उनके पास गया। उन्होनें मुझे कहा मुझे मत छुओ और अपना रूमाल निकाला, नीचे गिरा हुआ दांत उठाया और अपनी जेब में डाला। फिर उन्होनें फिर से बल्लेबाजी करते हुए 60 के आसपास रन बनाए। जिसमें दो छक्के शामिल थे।

वहीं नारी कॉन्ट्रेक्टर ने सीके नायडू को लेकर कहा कि “वो एक कड़े कप्तान रहे जिनकी फिटनेस बहुत मायने रखती थी।” 

किसी प्रोडक्ट को एंडोर्स करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर रहे सीके नायडू

इसके अलावा सीके नायडू के बारे में बहुत कम ही लोग एक बात को जानते हैं। सीके नायडू भारतीय क्रिकेट इतिहास के पहले कप्तान होने के साथ ही किसी कंपनी के प्रोडक्ट को एंडोर्स करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर भी हुए।

उन्होनें 1941 में बाथगेट लिवर टॉनिक कंपनी को एंडोर्स किया था। इस समय तक भारत को आजादी भी नहीं मिल सकी थी। इसके साथ ही सीके नायडू ने 62 साल की उम्र तक रणजी क्रिकेट में अपना योगदान देते रहे।

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