आईएसएल-4 : डायनामोज का वर्चस्व बरकरार, पुणे को 3-2 से हराया 1

पुणे, 23 नवंबर; दिल्ली डायनामोज ने हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में एफसी पुणे सिटी के खिलाफ अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी है। दिल्ली ने बुधवार को श्री छत्रपति शिवाजी स्पोटर्स काम्पलेक्स में खेले गए लीग के चौथे सीजन के अपने पहले मैच में पुणे को 3-2 से हराकर पूरे तीन अंक हासिल किए।

आईएसएल इतिहास में दिल्ली और पुणे के बीच अब तक कुल सात मुकाबले हुए हैं। इनमें से चार बार दिल्ली की जीत हुई है जबकि दो मैच बराबरी पर छूटे हैं। सिर्फ एक मैच में पुणे ने दिल्ली को हराया है।

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इस कारण सीजन-4 के अपने पहले मैच में दिल्ली की टीम पुणे के खिलाफ मनोवैज्ञानिक बढ़त के साथ उतरी और उसी बढ़त के दम पर शानदार आगाज किया।

उम्मीद थी कि नए कोच के साथ पुणे की टीम नए सीजन का कुछ अलग आगाज करेगी लेकिन उसके प्रशंसकों को निराशा हाथ लगी। पहला हाफ खाली जाने के बाद दिल्ली ने दूसरे हाफ की शुरुआत में ही अपना दमखम दिखाया और 46वें मिनट में पाउलिन्हो डियास द्वारा किए गए गोल की मदद से बढ़त हासिल की। डियास ने यह गोल लालियानगियान चांग्ते द्वारा बाएं किनारे से दिए गए क्रास पर हेडर के जरिए किया।

इसके बाद लगा कि पुणे की टीम सम्भल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उसकी रक्षापंक्ति की सुस्ती का फायदा उठाकर चांग्ते ने 54वें मिनट में अकेले दम पर एक बेहतरीन गोल करते हुए अपनी टीम को 2-0 से आगे कर दिया। चांग्ते का यह गोल हर लिहाज से दर्शनीय था। वह लगभग मैदान के बीच से गेंद लेकर अकेले भागे और पुणे के गोलकीपर कमलजीत के खुद तक पहुंचने से पहले ही गेंद को गोलपोस्ट में डाल दिया।

डायनामोज मानो बेकाबू हो चुके थे। उनका हमला जारी था। 57वें मिनट में दिल्ली की ओर से एक और जोरदार हमला हुआ, लेकिन गोलकीपर कमलजीत ने बेहतरीन बचाव करते हुए पुणे को 0-3 से पीछे होने से बचा लिया। माटियास मेराबाजी ने अपने साथी खिलाड़ी से मिले क्रास को हेडर के जरिए पुणे के गोलपोस्ट में डालने की कोशिश की, लेकिन कमलजीत ने बहुत चालाकी से उसे रोक दिया।

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माटियास हालांकि यहां निराश नहीं हुए और 65वें मिनट में गोल करते हुए अपनी टीम को 3-0 से आगे कर दिया। यह निश्चित तौर पर इस मैच का सबसे बेहतरीन गोल था। राइट विंग से प्रीतम कोटाल ने माटियास को पास दिया। माटियास असल में कोटाल को एसिस्ट करने आए थे, लेकिन आत्मविश्वास से भरपूर इस खिलाड़ी ने अचानक अपना मन बदला और अकेले ही गेंद लेकर आगे बढ़े और गोलकीपर सहित तीन खिलाड़ियों को छकाते हुए गेंद को गोलपोस्ट में डाल दिया।

अब पुणे के लिए सही मायने में सम्भलने का वक्त था। अब मार्सिलिनियो तथा एमिलियानो एल्फारो जैसे स्टार को अपना दमखम दिखाने की जरूरत थी। मार्सिलिनियो बीते सीजन में दिल्ली के लिए खेले थे, लेकिन अब वह पुणे के लिए खेल रहे थे तथा उन्हें खुद को साबित भी करना था। तमाम प्रयासों के बावजूद मार्सिलिनियो तो सफल नहीं हो सके, लेकिन एल्फारो ने 67वें मिनट में गोल करते हुए अपने प्रशंसकों को खुशी प्रदान की, लेकिन उनके लिए अपनी टीम को जीत दिलाने की बहुत बड़ी चुनौती सामने खड़ी थी।

एल्फारो, मार्सेलिनियो और मार्कोस तेबार ने अपनी टीम को मैच में वापस लाने का प्रयास जारी रखा। इंजुरी टाइम के अंतिम मिनट में तेबार ने मार्सेलिनियो के पास पर गोल करते हुए अपनी टीम का दूसरा गोल किया। मार्सेलिनियो बेशक खुद गोल नहीं कर सके लेकिन इस मैच में उन्होंने लगातार हमले और शानदार एसिस्ट करते हुए अपनी चमक बनाए रखी। पुणे की टीम बेशक यह मैच हार गई लेकिन दूसरे हाफ के अंतिम पलों में अपने शानदार खेल से उसने अपने कोच जैंको पोपोविक के लिए उम्मीद की किरण जगा दी।