नई दिल्ली, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हाल में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में संपन्न हुए पारालम्पिक्स खेलों में पदक जीतने वाले भारतीयों को रविवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकार पारा खिलाड़ियों के विकास के लिए एक समुचित योजना लाने पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ में यह जानकारी दी। मोदी ने कहा, “देश के हर नागरिक का हमारे पारालम्पिक्स खिलाड़ियों से एक भावनात्मक लगाव बन गया है। भारत पारालम्पिक्स और उसके विकास के लिए एक उचित योजना लाने के मार्ग पर है।”
यह भी पढ़े : मेजर ध्यानचंद खेल भावना, देशप्रेम का बेहतरीन उदाहरण : मोदी
उन्होंने कहा कि पारालम्पिक्स में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने दिव्यांगों और मानवता के प्रति हमारे नजरिए को पूरी तरह से बदल दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन महिलाओं सहित 19 खिलाड़ियों ने इस साल रियो पारालम्पिक्स खेलों में भाग लिया और अच्छा प्रदर्शन किया।
‘मन की बात’ की 24वीं कड़ी में मोदी ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और पारालम्पिक्स खेलों में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग लोगों के पारालम्पिक्स में शानदार प्रदर्शन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस बार के पारालम्पिक्स में खिलाड़ियों ने आम ओलम्पिक खिलाड़ियों के भी कुछ रिकार्डो को तोड़ दिया।
अल्जीरिया के अब्देललतीफ बाका ने 1500 मीटर दौड़ के फाइनल में न केवल पारालम्पिक्स का विश्व रिकार्ड बनाकर स्वर्ण जीता बल्कि उन्होंने रियो के आम ओलंपिक चैंपियन मैथ्यू सेंट्रोविज से भी 1.7 सेकेंड कम समय में अपनी दौड़ पूरी की।
यही नहीं, 1500 मीटर की दौड़ में कुल चार पारा एथलीट ने आम ओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले से कम समय में अपनी दौड़ पूरी की।
भारत के देवेंद्र झाझरिया ने भाला (जैवलिन) फेंकने और ऊंची कूद में थांगावेलु मरियप्पन ने स्वर्ण जीते जबकि शार्टपुट में दीपा मलिक और ऊंची कूद में वरुण भाटी ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते।
झाझरिया ने इस श्रेणी में दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता है। वर्ष 2004 में एथेंस पारालम्पिक्स में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। इस बार उन्होंने 63.97 मीटर भाला फेंककर अपना रिकार्ड सुधारा।
वह भारत के पहले पारा एथलीट हैं जिन्होंने पारालम्पिक्स में दो स्वर्ण जीते हैं।