जिम्बाब्वे में सभी रियो से लौटे खिलाड़ी अपने घरों में हैं। गौरतलब है कि पहले ऐसी खबरें आईं थी कि रियो से जिम्बाब्वे पहुंचने पर खिलाड़ियों को अपने अपने घर नहीं जाने दिया गया। एयरपोर्ट से सीधे पूरी टीम को गिरफ्तार कर लिया गया। जिम्बाब्वे के कुल 31 खिलाड़ी रियो गये थे। लेकिन किसी ने भी मेडल हासिल नहीं किया। सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी भी आठवीं पोजिशन से आगे नहीं बढ़ पाया।
रियो ओलम्पिक के खत्म होते ही खिलाड़ियों ने अपने देश की ओर रुख किया। जो जीता उसकी भी चर्चा हुई और जो हारा उसकी भी। उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग और जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगावे ने रियो ओलंपिक में मेडल न जीत पाने वाले खिलाड़ियों को अलग-अलग सजा सुना़ई।
यह भी पढ़े: हेजल कीच के साथ हुये अभद्र व्यवहार पर आया युवराज सिंह कों गुस्सा दिया बड़ा बयान
एक मामला में एक कोरियाई महिला खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद रियो ओलंपिक में सेल्फी लेते देखी गयी। उसे मौत की सजा सुनाई गयी। क्योंकि उत्तर कोरिया में सेल्फी और अन्य संचार के साधनों को इस्तेमाल करने पर पाबंदी है।
खबरों की माने तो जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगावे ने मेडल न लाने वाले खिलाड़ियों को जेल में डाल दिया था। तो लोगों ने उनके इस फैसले को उनकी सनक का कारण बताया। लेकिन सच्चाई ये है कि राष्ट्रपति ने किसी भी खिलाड़ी को जेल नहीं भेजा है।
यह भी पढ़े: पियर्स मोर्गन ने लगाया सहवाग से 10 लाख का शर्त, लेकिन सहवाग के जबाब के बाद डिलीट कर दी ट्वीट
सरकार की तरफ से सफाई दी गयी कि जो खबरें उड़ाई जा रही हैं वो सरासर झूठी और बेबुनियाद हैं। सफाई देते हुए सरकार ने कहा कि रियो में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर उन्हें गर्व है।
किम जोंग ने ओलंपिक में मेडल ना जीत पाने वाले खिलाड़ियों को सजा के तौर पर कोयले के खादान में काम करवाने का फरमान जारी किया। जिससे पूरी दुनिया के खिलाड़ियों के होश उड़ गये। उत्तर कोरिया के तानाशाह और क्रुर शासक किम जोंग ने खिलाड़ियों को इनाम की जगह सजा देने का फैसला किया। क्योंकी खिलाड़ियों ने रियो ओलम्पिक में खराब प्रर्दशन किया।
यह भी पढ़े: नीरज पाण्डेय ने किया धोनी कों लेकर अब तक का सबसे डरावना खुलासा
किम जोंग चाहता था कि खिलाड़ी 2012 के ओलंपिक से भी ज्यादा मेडल जीतें। लेकिन खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाए। उसने खिलाड़ियों को रियो ओलंपिक में कम से कम 4 गोल्ड मेडल जीतने का टारगेट दिया था। जोंग को गुस्सा इस बात से था कि दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों के मुकाबले उत्तरी कोरिया के खिलाड़ियों का प्रर्दशन बेहतर नहीं था।