भारत ने रियो ओलिम्पिक में अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा था, इस मकसद से कि इस बार भारत के पास किसी भी ओलिम्पिक के मुकाबले इस ओलिम्पिक में सबसे ज्यादा पदक आयेंगे. लेकिन भारतीय खिलाड़ी उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर सके और पिछले ओलिम्पिक में मिले पदक की बराबरी भी नहीं कर सके.
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आइये नज़र डालते है पांच कारणों पर जिनकी वजह से भारत के लिए निराशाजनक रहा रियो का सफ़र
1.बीसीसीआई की तरह खेल बोर्ड पर नहीं होना चाहिए सरकार का कोई अधिपत्य
भारत में क्रिकेट की देखरेख के लिए, जो बोर्ड है उस पर किसी भी तरह से सरकार का कोई लेना देना नहीं है. बीसीसीआई एक अलग संसथान है जिसमे सरकार का किसी भी प्रकार से कोई रोल नहीं है. और हम सभी जानते है कि क्रिकेट में और बाकी खेलों में भारत में कितना अंतर है. क्रिकेट के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध है जबकि बाकी खेलों की बात किया जाये, तो वहाँ हमारे खिलाड़ियों के पास कुछ खास सुविधाएँ नहीं होती और वो बाकी देशों के खिलाड़ियों के मुकाबले हमेशा तैयारी में कम रह जाते है.
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