4.बंद हो वंशवाद
भारतीय ओलिम्पिक संघ के उपाध्यक्ष ने अपने बेटे को चीफ मेडिकल ऑफिसर बना कर भेजा था, जिसका खामियाजा हमारे बड़े खिलाड़ियों ने भुगता, सायना नेहवाल, विनेश फोगाट और ओ पी जैशा जैसे खिलाड़ी सही समय पर सही उपचार ना पाने के कारण अपने सर्वश्रेष्ट नहीं दे सके. भारतीय दल के साथ गए चीफ मेडिकल ऑफिसर पवनदीप सिंह पेशे से एक रेडियोलाजिस्ट है और उन्हें किसी भी चोट का कुछ ज्ञान नहीं था वह सभी को बस कॉम्बीफ्लेम दवा दे रहे थे. कई खिलाड़ी और कोच ने इस बात की शिकायत कि पवनदीप ने हर चोट के इलाज के लिए कॉम्बीफ्लेम दवा का ही उपयोग किया.
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