एक महिला एक्जीक्यूटिव ने खेल मंत्री विजय गोयल से मांग की है वह भारतीय रेलवे द्वारा किये गए अभद्र व्यव्हार के लिए उन पर कड़ी कार्यवाही करे.
ब्रिंदा अदिगे ने ANI को दिए एक बयान में बताया कि
“इन बाबुओं(कर्मचारी) को अपने पद पर बैठने का कोई हक़ नहीं है. इन्होने किसी भी तरह खिलाड़ियों के रहन सहन, उनके खेल के लिए अच्छी सुविधाए कुछ भी उपलब्ध नहीं करायी लेकिन इसके बाद भी वो बिज़नेस क्लास में सफ़र करते है ,लेकिन उन्होंने खिलाड़ियों की टिकट पक्की कराने के बारे में भी नहीं सोचा और खिलाड़ियों को ट्रेन के फर्श पर बैठकर सफ़र करना पड़ा.”
“खिलाड़ियों के साथ ऐसा अन्याय कैसे हो सकता है, ऐसे कर्मचारियों को ट्रेन से क्यों नहीं फेक दिया गया”
ब्रिंदा ने अपने बयान में कहा.
“मुझे यकीन है पर्याप्त खर्चा दिया गया था लेकिन यहाँ बात लापरवाही की है, लापरवाही उन करमचारियों की तरफ से जो खिलाड़ियों को गुलाम समझते है. ये सरकारी कर्मचारी है तो क्या केवल इसलिए बिज़नेस क्लास में सफ़र करने और सारी सुविधाएं पाने का हक इन्हें है ,जबकि असली खिलाड़ियों के साथ ऐसा बुरा व्यव्हार किया जा रहा है. मैं उनके डिपार्टमेंट से गुज़ारिश करती हूं कि जल्द से जल्द उन्हें उनके पड़ से निकला जाये.”
भारतीय खिलाड़ी सुनीता लाकड़ा, लिलिमा मिंज और दीप ग्रेस इक्का जो कि रेलवे का ही हिस्सा है उन्हें ही ट्रेन के फर्श पर बैठ कर सफ़र करना पड़ा.
क्यूंकि यह तीनो खिलाड़ी रेलवे में काम करती है इन्हें टिकेट खरीदने की ज़रूरत नहीं थी लेकिन टीटी इन्हें सीट नहीं दिला सका.