साल 2003 के विश्वकप का एक सेमीफाइनल मैच श्रीलंका की टीम और ऑस्ट्रेलिया की टीम के बीच हुआ था. श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गये इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने अपनी ईमानदारी का सभी को मुरीद बना दिया था.
अंपायर के आउट दिए बिना छोड़ा था क्रीज
आपकों बता दें, कि ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट इस मैच में अंपायर के आउट दिए बिना पवेलियन लौट गये थे. दरअसल, उनके खिलाफ अरविन्दा डीसिल्वा की एक गेंद पर विकेटकीपर कुमार संगकारा ने एक शानदार कैच किया था. जिसकी श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने काफी तेज अपील भी की थी. इस अपील पर अंपायर की कोई प्रतिक्रिया नहीं थी, लेकिन एडम गिलक्रिस्ट को पता था, कि वो आउट है, इसलिए वह क्रीज छोड़कर चले गये थे.
इस वजह से छोड़ा था क्रीज
गिलक्रिस्ट ने इस वाकये को याद करते हुए फॉक्स स्पोर्ट्स से कहा, “मैं और मेरे टीम के कुछ साथी स्टुअर्ट मैगगिल और जस्टिन लेंगर, रॉड मार्श की कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट अकादमी इलेवन के लिए खेल रहे थे.
इस दौरान मेरे बल्ले का एक बड़ा किनारा लेते हुए गेंद कीपर के पास गई, लेकिन अंपायर ने मुझे आउट करार नहीं दिया. उसके बाद मैंने एक शतक भी बना डाला था, लेकिन मैं जब ड्रेसिंग रूम में आया, तो मुझे अपने इस शतक की खुशी नहीं हो रही थी और भी मुझे अपने ऊपर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी. मैं उस वाकये को कभी नहीं भुला वह वाकया हमेशा मेरे दिमाग में बना रहता था, इसलिए जब मुझे 2003 विश्वकप में आउट नहीं दिया जा रहा था, तो मैंने क्रीज छोड़ने का फैसला किया था.”
एशेज में भी हो चुका है ऐसा
एडम गिलक्रिस्ट ने आगे कहा, “मेरे संग ऐसा ही वाकये एशेज सीरीज 2002-03 के दौरान भी हुआ था. एशेज सीरीज के एक मैच के दौरान भी मैं आउट था, लेकिन अंपायर मुझे नॉट आउट करार दे रहा था. माइकल वाँन और नासिर हुसैन मेरे काफी पास खड़े थे और शायद उन्हें भी पता चल गया था, कि मैं आउट हूं.
मेरे दिमाग में ऐतिहासिक एशेज सीरीज जरुर घूम रही थी, लेकिन मुझे क्रीज छोड़कर जाना ज्यादा अच्छा लग रहा था और मैंने ऐसा ही किया था. मैं ईमानदारी से क्रिकेट खेलने पर भरोसा करता था.”