आज ही के दिन जन्मे थे वो भारतीय क्रिकेटर जो एक ही मैच में करते थे बैटिंग, बॉलिंग और विकेटकीपिंग 1

वैसे तो इंडियन क्रिकेट की हिस्ट्री में कई सारे खिलाड़ी आए और कई सारे चले भी गए| मगर कहते हैँ न पहचान सिर्फ उन्ही को मिलती हैँ जिनमें कोई बात होती हैँ | उन्ही में से एक क्रिकेटर थे कृष्णप्पा कुंदरन | जोकि मल्टी टैलंटेड खिलाड़ी कहे जाते थे | वो एक ही मैच में बैटिंग, बॉलिंग और विकेटकीपिंग ये तीनों चीज़े साथ में करते थे | तो आइये उनके जन्मदिन पर बताते हैँ | उनके कुछ खास रिकॉर्ड के बारे में…

कृष्णप्पा कुंदरन इंडियन टीम के शानदार क्रिकेटर रहे हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1939 में कर्नाटक में हुआ था | कुंदरन अपने ज़माने यानि की 60-70 के दशक के मल्टीटैलेंटेड खिलाड़ी कहे जाते थे |

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वो बैटिंग तो अच्छी कर ही लेते थे साथ में गेंदबाजी की कला में भी निपुण थे | यही नहीं उस वक्त कृष्णप्पा कुंदरन जैसी फुर्ती शायद ही किसी दूसरे विकेटकीपिंग में देखने को मिलती थी | कुंदरन की ये तीनो चीज़े एक साथ करने की कला ही उन्हें एक अनोखा खास क्रिकेटर बनाती थी।

आज ही के दिन जन्मे थे वो भारतीय क्रिकेटर जो एक ही मैच में करते थे बैटिंग, बॉलिंग और विकेटकीपिंग 2

बेटिंग के साथ -साथ बॉलिंग में भी करते थे ओपिनिंग

भारतीय टीम में कुंदरन ने एक ओपनर के तौर पर एंट्री करी थी | बता दे वह न सिर्फ बैटिंग में बल्कि बॉलिंग में भी ओपनिंग करते थे | वो भी एक साथ एक ही मैच में |

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क्रिकइन्फो के डेटा के अनुसार, मल्टीटैलंटेड कहे जाने वाले कृष्णप्पा कुंदरन ने अपने सात साल के लम्बे करियर में 18 मैचों में 34 पारियां खेली | जिनमें से 21 पारियों में वह खुद बतौर ओपनर मैदान में निकले |

इन सब मैच के दौरान उनका एवरेज 41 का था | लेकिन गौर किया जाए तो कुंदरन ने क्रिकेट में 32.70 की औसत से 981 रन अपने करियर में बनाए हैँ | उनके द्वारा बनाए खुद के इन रनों में दो शतक और तीन अर्धशतक भी आते हैँ | टेस्ट में 192 रन का उनका हाईएस्ट स्कोर रहा हैँ |

 

आज ही के दिन जन्मे थे वो भारतीय क्रिकेटर जो एक ही मैच में करते थे बैटिंग, बॉलिंग और विकेटकीपिंग 3

फर्स्ट क्लास क्रिकेट से पहले खेला टेस्ट मैच

वैसे तो कुंदरन का व्यक्तित्व ही एक अलग प्रकार का हैं | लेकिन फर्स्ट क्लॉस से पहले ही वो इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके थे कुंदरन शुरुवात में मुंबई में खेला करते थे | लेकिन उस टीम में वह नरेन तम्हाने के बतौर एक विकेटकीपर अपना व्यक्तित्व उभार चुके थे |

बस फिर कुंदरन ने रेलवे की टीम में खेलना का सोचा और उस समय उनकी किस्मत भी बुलंदी पर थी | रेलवे में खेलते-खेलते उन्होंने अपनी जगह टीम इंडिया में बना ली , और महज 20 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला।