गांगुली और सचिन ने बचाया मेरा क्रिकेट करियर: वीरेंद्र सहवाग 1

विरेंद्र सहवाग अपने जमाने के सबसे खतरनाक बल्लेबाज थे. वे जब बल्लेबाजी के लिए उतरते थे, तब हमेशा आक्रमक होकर खेलते थे. उनके आँकड़े उनकी महानता दर्शाती है.

हिंदुस्तान टाईम्स से बात करते हुए सहवाग ने बताया कि, कैसे सचिन और गांगुली ने उनके करियर को दिशा दी.

Advertisment
Advertisment

सहवाग का पदार्पण काफी खराब रहा था, जब पाकिस्तान के खिलाफ सहवाग ने 1 रन बनाए थे सिर्फ और 3 ओवर में 35 रन दिए थे.

सहवाग ने तब कहा था कि, “मुझे गेंद ही नजर आयी थी, मैनें जैसे तैसे एक रन बना लिया.”

सहवाग ने कहा तब गांगुली ने मुझे कहा था कि, “अगर तुम बाहर हुए तो, इतने रन मारना की वापस टीम में आ सको.”

और गांगुली की ये सलाह सहवाग के काम आयी, और उन्होंने अगले रणजी सीजन में 58 की औसत से 700 से ज्यादा रन बनाए थे.

Advertisment
Advertisment

फिर सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और पहले ही मैच में शानदार शतक लगाया. तब सचिन ने सहवाग से कहा था कि, अफ्रिकाई गेंदबाज तुम्हें बाउंसर डालेंगे.

सहवाग ने कहा कि, “सचिन ने मुझे कहा कि, पेट में गुदगुदी हो रहीं है क्या? तुम उन गेंदों को छोड़ो.”

सहवाग ने कहा, “पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में मैनें चौका मारा, तब सचिन ने मुझे कहा कि, अगर अब ज्यादा मारा तो मै तुम्हें बैट से मारुंगा. लेकिन मै तब 295 पर था, और मैने सचिन से कहा कि, अगर सकलैन मुश्ताक आया, तो मै छक्का मारुंगा.”

और सहवाग ने वैसा ही कारनामा किया था, और इतिहास रच दिया था.

भारत बनाम अफ्रिका के चौथे टेस्ट में सहवाग ने अपने करियर की बाते की थी, जिसमे उन्होंने सचिन और गांगुली को धन्यवाद कहा था.

nishant

मै हमेशा से अपने करियर कों एक स्पोर्ट्स लेखक के रूप में लोगों के सामने पेश करना...