धोनी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को टीम इंडिया का जौहरी भी कहा जाता था. क्योंकि गांगुली ने भले ही भारत को आईसीसी ट्रॉफी न जिताई हो मगर बतौर कप्तान गांगुली ने भारत को कई मैच विनर खिलाड़ी दिए. इनमें से एक हैं महेंद्र सिंह धोनी. जी हां, एमएस को बड़ा खिलाड़ी बनाने के पीछे उनके कप्तान सौरव गांगुली का बड़ा हाथ था और आज तो हर कोई जानता है कि धोनी खुद कितने बड़े कप्तान रहे हैं.

यादगार है अप्रैल का महीना

महेंद्र सिंह धोनी

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अप्रैल का महीना भारतीय क्रिकेट के लिए हमेशा यादगार रहेगा. 2 अप्रैल को टीम इंडिया ने 28 साल के लंबे इंतजार के बाद दूसरा आईसीसी विश्व कप जीता था. इसके अलावा अप्रैल की 5 तारीख को 2005 ही वह तारीख है जब टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक लगाया था. साथ ही ये संदेश भी दे दिया था कि भारत को विश्वस्तरीय विकेटकीपर-बल्लेबाज मिल गया था.

धोनी ने 15 साल पहले लगाया था पहला शतक

असल में पाकिस्तान और भारत के बीच 6 मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेली जा रही थी. इस सीरीज में भारत ने विशाखापट्टनम में खेले जा रहे मैच में वीरेंद्र सहवाग-सचिन तेंदुलकर ने पारी का आगाज किया. मगर तेंदुलकर 2 रन बनाकर पवेलियन लौट आए. ऐसे में हर कोई उम्मीद कर रहा था कि नंबर-3 पर सौरव गांगुली बल्लेबाजी करने मैदान पर आएंगे.

मगर उन्होंने विकेटीकपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के लिए भेजा और खुद नंबर-4 पर आए. नंबर-3 पर माही ने 148 रनों की तूफानी पारी खेलकर भारत को 256 रनों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. इसके लिए एमएस को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया. गांगुली के इस एक फैसले ने धोनी के करियर को आगे बढ़ाने में मदद की.

नंबर-3 पर खेलने के बाद बदल गया धोनी का करियर

धोनी

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एमएस का नाम आज भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल कप्तान के रूप में दर्ज है. मगर जब माही ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री की थी तो सौरव गांगुली ने हीरे की तरह धोनी को तराशकर बड़ा खिलाड़ी बनाया था. इस बात का खुलासा करते हुए सौरव गांगुली ने ब्रेकफास्ट विद चैंपियन से बात करते हुए बताया था कि,

मैं अपने कमरे में बैठकर न्यूज देख रहा था और सोच रहा था कि धोनी को खिलाड़ी कैसे बनाया जाए. मुझे पता था कि उसमें काफी क्षमता है.

अगले दिन हमने टॉस जीता और सोचा कि क्यों न धोनी को तीसरे नंबर पर उतारा जाए. मैंने उसे तीसरे नंबर पर भेजने का फैसला लिया और सोचा जो होगा देखा जाएगा.