भारत के पूर्व खिलाड़ी नयन मोंगिया, जिन्होंने भारतीय प्रसंसकों के दिल में एक अलग पहचान बनाई. वह टीम में बतौर बल्लेबाज और विकेट कीपर बन कर खेले. भारत के लिए 44 टेस्ट मैच और 140 एकदिवसीय मैच खेलने वाले नयन मोंगिया का बेटा मोहित मोंगिया अब क्रिकेट जगत में छा जाने को तैयार है.
मोहित बडौदा की अंडर 19 टीम का कप्तान है और वह अपने लक्ष्य को लेकर बहुत सजग है. हाल ही में उसने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत के दौरान अपने सफ़र से जुड़ी कई बातें बताई.
पिता ने कहा, विकेटकीपरों की इज्जत नहीं-
मोहित ने अपने पिता के कदमों पर चलते हुए कोच विनीत वाडेकर से स्लो-लेफ्ट-आर्म बॉलिंग सीखी. मोहित का कहना है कि उसके पिता ने बताया था कि विकेटकीपिंग की ज्यादा कद्र नहीं होती साथ ही मोहित को शुरू से ही लगता था, कि वह विकेटों के पीछे खड़े होने के लिए क्रिकेटर नहीं बना है, इसलिए उसने अपने पिता से उल्ट रास्ता चुना.
विकेट कीपर की नही होती तारीफ़-
खुद विकेटकीपर रहे नयन मोंगिया ने अपने बेटे को सलाह दी कि वह विकेटकीपर न बने. टाइम्स ऑफ इंडिया वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक मोहित ने कहा, “मेरे पिता ने हमेशा मुझसे कहा था, कि विकेटकीपिंग एक ऐसी कला है जिसकी तारीफ नहीं होती. मैंने भी इस बात को समझा है कि मैं विकेटकीपर बनने के लिए नहीं बना हूं. इसलिए जब मेरे कोच ने मुझे सलाह दी, कि मैं लेफ्ट-आर्म स्पिन फेंकूं, तो मैं फौरन तैयार हो गया.”
बेटे पर पूरा ध्यान दे रहे हैं नयन-
अपने बेटे के बारे में नयन मोंगिया ने कहा, “मॉर्डन क्रिकेटर्स को कई चीजें करनी आनी चाहिए. वह अच्छी गेंदबाजी कर रहा था और बैट से उपयोगी योगदान दे रहा था. मुझे और वाडेकर को इस बात का यकीन हो गया कि अब मोहित अपनी बैटिंग को गंभीरता से लेना लगा है.”