क्रिकेट डेस्क। केएल राहुल 63 रन नाबाद और पदार्पण मैच खेल रहे फैज फजल 55 नाबाद के बीच हुई नाबाद शतकीय भागीदारी की मदद से भारत ने तीसरे और अंतिम एकदिवसीय मैच में जिम्बाब्वे को 10 विकेट से हरा दिया है। जसप्रीत बुमराह के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (22/4) के सामने जिम्बाब्वे की पारी 42.2 ओवरों में 123 पर ढेर हो गई। जवाब में भारत ने 21.5 ओवर में बिना किसी नुकसान के लक्ष्य हासिल कर लिया। आइए नजर डालते हैं कि मैच के बाद किसने क्या कहा-
बेटी जीवा तथा परिवार के साथ समय बिताने का मौका: धोनी
जीत के बाद धोनी का कहना था कि, “मेरा मानना है कि टीम की जीत में रणनीति के क्रियान्वयन की अहम भूमिका रही। हमारे तेज गेंदबाजों और स्पिनर्स ने विकेट लिए और घरेलू टीम पर दबाव बनाए रखा। मैं टीम के गेंदबाजी आक्रमण से खुश हूं। मुझे आसान जीत से कोई परहेज नहीं है, लेकिन यदि हमारे चौथे व पांचवें क्रम के बल्लेबाजों को मौका मिलता तो ठीक रहता। वैसे आसान जीत अच्छी ही होती है।”
धोनी ने आगे कहा, कि “अच्छा है कि अब मुझे लंबा ब्रेक मिलेगा और बेटी जीवा तथा परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। मुझे नहीं लगता है कि मेरी बेटी अभी मुझे पहचानेगी। मैं काफी लंबे समय के बाद परिवार के साथ समय बिताऊंगा।”
उल्लेखनीय है कि धोनी की बेटी जीवा अब डेढ साल की होने वाली है।
मेरे दिमाग में अब केवल टी-20: केएल राहुल
इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले और इस मैच के प्लेयर ऑफ द मैच केएल राहुल का कहना था कि, “मैं हमेशा से जानता था कि किसी भी फॉर्मेट में अच्छा खेल सकता हूं। यह सब वक्त की बात है। अंतिम दो महिने काफी अच्छे गुजरे। यहां आना और जैसा मैं चाहता था वैसा यहां खेल पाना वास्तव में आनंददायक है। इस बात का श्रेय हमारे गेंदबाजों को भी जाता है जिन्होंने इसे आसान बना दिया। मैं जानता था ये वक्त जब में प्रापर क्रिकेटिंग शॉट्स खेल सकता हूं। मेरे लिए खुद को संयमित रखते हुए अपना स्वभाविक खेल खेलना चुनौतीपूर्ण था। मैं अभी वेस्टइंडीज के बारे में नहीं सोच रहा, मेरे दिमाग में अब खुद को टी-20 के अनुसार खुद को ढालना चल रहा है।”
हम अच्छी टीमों को चुनौती दे सकते हैं: क्रेमर
सीरीज और मैच हारने के बाद जिम्बाब्वे के कप्तान ग्रीम क्रेमर का कहना था कि, “हमने नई गेंद को ध्यान में रखते हुए 260-270 के लक्ष्य के बारे में सोचा था। लेकिन हम मध्यम अवधि में फंस गए और हमने मैच पर से पकड़ खो दी। हम स्ट्राइक को बदलने में नाकामयाब रहे और बल्लेबाजों पर दवाब बड़ता गया। हमारे पास टी-20 की टीम है, और हम जानते है कि अच्छी टीमों को चुनौती दे सकते हैं। अब हमें श्रृखंला में प्रतिस्पर्धा करने के लिए खुद को उभारना होगा।”