टीम इंडिया का लगातार शानदार प्रदर्शन जारी है जिसके चलते पहला वनडे मैच भी आसानी से जीत लिया है। इसके बाद अब दूसरा मुकाबला कल लॉर्ड्स के ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान पर खेला जाएगा, जिसमें शायद हम एक खिलाड़ी को शायद खेलते हुए नहीं देख पायेंगे क्योंकि इस खिलाड़ी ने सीमित ओवरों के मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।
दरअसल हम बात कर रहे है विराट कोहली के आईपीएल के साथी तेज गेंदबाज उमेश यादव की जिन्होंने आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ ज्यादा कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं किया है और लगातार खर्चीले साबित हुए है इस कारण उनकी जगह अन्य गेंदबाज को मौका दिया जा सकता है।
वहीं कल खेले गए पहले वनडे मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया था। इसके बाद मेजबान ने पहले बल्लेबाजी की और एक बार फिर अच्छी शुरुआत के बाद बड़ा स्कोर बनाने में फेल हुई और महज 268 रन पर ऑल आउट हो गयी। इस मैच में उमेश यादव ने बहुत खराब गेंदबाजी की और 70 रन दिए। हालांकि इन्होंने दो विकेट जरूर लिए है।
कट सकता है हमेशा के लिए सीमित ओवरों में पत्ता
इसी बीच उमेश यादव जिस तरह से गेंदबाजी करते आ रहे है यह इनके लिए अच्छे संकेत नहीं है क्योंकि कई ऐसे गेंदबाज लाइन में है जो इनकी जगह ले सकते है।
काफी हद तक देखा जाए तो ये सीमित ओवर की बजाय टेस्ट के ही अच्छे खिलाड़ी है और उस प्रारूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए नजर आते है।
एक नजर सीमित ओवरों के प्रारूप पर
अगर हम उमेश यादव के वनडे और टी-20 कैरियर पर एक नजर डालें तो इनका इतना ख़ास प्रदर्शन नहीं रहा है। पहली बार यादव ने 2010 में वनडे मैच खेला था और उसके बाद अब तक 72 मैच खेले है जिसमें 104 विकेट लिए है, लेकिन पिछले कई मैचों से इनकी इकोनॉमी रेट काफी बढी है। वहीं टी-20 में इन्हें ज्यादा अवसर नहीं मिला और महज 5 मैच खेले है, जिसमें 8 विकेट लिए है।
कुल मिलाकर उमेश यादव अगर आगे आने मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते है तो शायद आगे कभी इन सीमित ओवरों के खेल में जगह बना पायेंगे, क्योंकि कई ऐसे नए गेंदबाज सामने आये है, जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है और भारतीय टीम में जगह मिल सकती है।