भारतीय खिलाड़ियों के बाहर रेस्टोरेंट में जा कर खाना खाने के बाद उपजा विवाद अब तूल पकड़ता हुआ नज़र आ रहा है. पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की सख़्त बयानी और फिर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया द्वारा इस मामले को हाइप देने के बाद अब इस वाक़ये में एक और दिलचस्प मोड़ हो गया.
ब्रिसबेन में होने वाले सीरीज़ के चौथे और आखिरी टेस्ट में खेलने को लेकर भारतीय टीम ने अपनी अनिच्छा ज़ाहिर की है. लेकिन भारतीय टीम की आनाकानी के बाद क्वींसलैंड सरकार की तरफ़ से आए एक बयान ने इस विवाद की गर्मी को और बढ़ा दिया है.
सिडनी मंकीगेट की तरह तूल पकड़ रहा ये मामला
सिडनी टेस्ट 2008 का मंकीगेट कौन ही भूला है. ऐसा ही एक विवाद भारतीय टीम के मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी हो चुका है और चारों तरफ़ से आ रही प्रतिक्रियाओं के बाद ये विवाद अब बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है.
भारतीय टीम ने अपने खिलाड़ियों पर प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोपों के बाद उनका बचाव करते हुए सिडनी के बाद ब्रिसबेन में होने वाला चौथा टेस्ट खेलने को लेकर अपनी अनिच्छा ज़ाहिर की थी.
जिसके जवाब में क्वींसलैंड सरकार ने बहुत बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि अगर भारतीय खिलाड़ी नियमों का पालन नहीं कर सकते तो उनको ब्रिसबेन में आने की कोई ज़रूरत नहीं है. हम उनके फ़ैसले के बारे में इससे ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते.
नहीं खेलेंगे ब्रिसबेन टेस्ट – भारतीय टीम मैनेजमेंट
रविवार को रिपोर्ट्स आई कि भारतीय टीम ब्रिसबेन तक यात्रा करने के लिए इच्छुक नहीं है. भारतीय टीम मैनेजमेंट ने कहा कि अगर उनके खिलाड़ियों को क्वारंटाइन के लिए जबरन मजबूर किया जाता है तो वो ब्रिसबेन नहीं जाएंगे.
भारतीय टीम मैनेजमेंट का कहना है कि सभी भारतीय खिलाड़ी 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर चुके हैं. टीम के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि टीम अब खिलाड़ियों पर ज़्यादा बंदिशें और पाबंदियाँ नहीं चाहती. इसीलिए भारतीय पक्ष का मानना है कि चौथा टेस्ट भी सिडनी में ही खेला जाए.
क्वींसलैंड सरकार की तरफ़ से आया जवाब
लेकिन क्वींसलैंड सरकार ने ये स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन आपके लिए कोई विकल्प नहीं हो सकता. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रॉस बेट्स ने कहा कि, “अगर भारतीय टीम नियमों के अनुरूप नहीं चल सकती तो वो बेशक ब्रिसबेन न आएँ”.
इसके अलावा क्वींसलैंड के खेल मंत्री टिम मैंडर ने भी बेट्स की बात की समर्थन करते हुए कहा कि,
“किसी भी सूरत में प्रोटोकॉल्स तोड़ने के लिए यहाँ कोई जगह नहीं है. हर खिलाड़ी को नियमों के अनुसार ही चलना होगा. अगर भारतीय टीम ब्रिसबेन में क्वारंटाइन गाइडलाइंस का पालन नहीं कर सकती तो उन्हें यहाँ नहीं आना चाहिए. सबके लिए नियम एक जैसे ही होना लाज़िमी है.”