जयदेव उनादकट

भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड विश्व क्रिकेट में सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड है। बीसीसीआई के साथ खेलने वाले इंटरनेशनल क्रिकेटरों पर काफी पैसा बरसता है। लेकिन भारतीय घरेलू क्रिकेटरों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार कोरोना काल में रणजी ट्रॉफी का आयोजन ना होने से उन्हें पैसों के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है।

घरेलू क्रिकेटरों को लेकर रोहन गावस्कर की खास मांग

पिछले कुछ दिनों में घरेलू क्रिकेटरों की इनकम को लेकर सवाल उठे हैं, जिसे लेकर वैसे तो बीसीसीआई ने राज्य संघ वार खिलाड़ियों का ब्यौरा मांगते हुए उन्हें मुआवजा देने की बात कही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ऐसी स्थिति में घरेलू क्रिकेटरों की आजिविका का क्या होगा?

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इन्हीं सवालों के बीच बीसीसीआई की तरह ही सालाना कॉन्ट्रेक्ट जैसा राज्य क्रिकेट संघ को भी शुरू करने की मांग उठने लगी है। जो सवाल भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी रोहन गावस्कर ने खड़ किया है।

राज्य क्रिकेट संघ करें सालाना कॉन्ट्रेक्ट

रोहन गावस्कर का मानना है कि घरेलू क्रिकेटरों के लिए भी राज्य क्रिकेट संघ बीसीसीआई की तरह ही कॉन्ट्रेक्ट शुरू करें, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्हें भी अलग-अलग ग्रेड में बांटने की बात सामने रखी।

इंडिया-इंग्लैंड मैच

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रोहन गावस्कर ने ट्वीट कर इसके बारे में लिखा कि

“सभी राज्य संघों को अपने खिलाड़ियों को सालाना कॉन्ट्रैक्ट देना चाहिए जैसा बीसीसीआई भारतीय टीम के साथ करता है। ए, बी, सी वर्ग। अगर राज्य कॉन्ट्रैक्ट नहीं होंगे तो ऐसी स्थिति में घरेलू खिलाड़ियों को भुगतान करना असंभव होगा।”

राज्य संघों को है अपने खिलाड़ियों पर ध्यान देने की जरूरत

प्रथण श्रेणी क्रिकेटरों को लेकर रोहन गावस्कर ने आगे चिंता व्यक्त करते हुए ट्वीट में लिखा कि

“कोई कैसे फैसला करेगा कि कौन सा खिलाड़ी पूरा सत्र खेलता? क्या कुछ सीनियर खिलाड़ियों को बीच में हटाया जा सकता था? उन युवाओं का क्या जिन्हें पदार्पण का मौका मिल सकता था? क्या उन्हें कुछ नहीं मिलेगा? सीमित ओवरों के विशेषज्ञों का क्या? लाल गेंद के विशेषज्ञ?”

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“राज्य संघों को अपने खिलाड़ियों की देखभाल करने की जरूरत है। घरेलू खिलाड़ी वे हैं जो खेल को आगे बढ़ाते हैं। उनक ख्याल रखने की जरूरत है। उनके लिए सालाना कॉन्ट्रैक्ट शुरू कीजिए।”