End of Indian challenge in badminton team event

जकार्ता, 20 अगस्त: भारत का 18वें एशियाई खेलों में बैंडमिंटन टीम स्पर्धा में पदक जीतने का सपना आज चकनाचूर हो गया क्योंकि पुरूष और महिला टीमें एक समान 1 . 3 के हार के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गयी।

ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधू और एच एस प्रणय ही क्रमश: जापान और इंडोनेशिया के खिलाड़ियों के खिलाफ जीत दर्ज कर सके।

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महिला टीम के जापान से 1 . 3 से हारने के बाद पुरूष टीम भी इंडोनेशिया को कड़ी टक्कर देने के बाद 1 . 3 से हार गयी।

विश्व रैंकिंग में आठवें स्थान पर काबिज किदाम्बी श्रीकांत पर भारत को बढ़त दिलाने की जिम्मेदारी थी लेकिन वह शुरूआती बढ़त को जारी नहीं रख सके और 12वीं रैंकिग वाले खिलाड़ी एंथॉनी सिनिसुका गिनटिंग से 21 . 23, 22 . 20, 10 . 21 से हार गये।

राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाले सात्विक रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी इसके बाद विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज केविन संजय सुकामुलजो और मार्कस फेरनालदी गिदोओन को कड़ी टक्कर देने के बाद 21 .19, 19 .21, 16 .21 से हार गयी। इस जीत के साथ इंडोनेशिया की बढ़त 2 . 0 की हो गयी।

विश्व रैंकिंग में 11वें स्थान पर काबिज प्रणय ने इसके बाद जोनाथन क्रिस्टी को 21 .15, 19 .21, 21 .19 से शिकस्त देकर भारतीय उम्मीदों को बनाये रखा।

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अगले मैच में हालांकि राष्ट्रीय चैम्पियन मनु अत्री और बी सुमीथ रेड्डी की जोड़ी विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज फजर अलफियान और मोहम्मद रियान अर्दिआंतो से 14 .21, 18 .21 से हार गयी।

इससे पहले पी वी सिंधू ने दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी अकाने यामागुची को हराया लेकिन खराब फार्म से जूझ रही साइना नेहवाल चार मैच अंक बचाने के बावजूद नोजोमी ओकुहारा से हार गई जिससे भारत एशियाई खेलों की महिला टीम बैडमिंटन स्पर्धा से बाहर हो गया।

भारतीय महिला टीम ने इंचियोन में चार साल पहले कांस्य पदक जीता था। भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में दुनिया की सबसे मजबूत टीम से हार गई।

सिंधू और यामागुची के बीच मुकाबला नजदीकी था लेकिन सिंधू ने 21 . 18, 21 . 19 से जीत दर्ज की।

उसने 41 मिनट तक चला मुकाबला जीतकर भारत को बढत दिलाई। वह विश्व चैम्पियनशिप में भी यामागुची को हरा चुकी है।

एन सिक्की रेड्डी और अराती सुनील को युकी फुकुशिमा और सायाका हिरोता ने 21 . 15, 21 . 6 से हराया।

दूसरे महिला एकल मुकाबले में साइना ने शानदार वापसी करके दूसरे गेम में चार मैच अंक बचाये लेकिन एक घंटे 11 मिनट तक चले मुकाबले में वह 11 . 21, 25 . 23, 16 . 21 से हार गई।

शुरूआत में साइना ने कई सहज गलतियां की जबकि ओकुहारा काफी लय में थी । इसके बावजूद साइना ने दूसरे गेम में वापसी की लेकिन निर्णायक गेम में लय कायम नहीं रख सकी।

करो या मरो के चौथे मुकाबले में सिंधू और अश्विनी पोनप्पा को मिसामी मत्सुतोमो और अयाका ताकाहाशी ने 21 . 13, 21 . 12 से हराया।

साइना पहले गेम में सिर्फ एक बार हावी होती नजर आई लेकिन ओकुहारा ने उसे कोई मौका नहीं दिया। वह 11 . 19 से पिछड़ गई और पहला गेम हार गई। दूसरे गेम में उसने वापसी की और पिछड़ने के बाद स्कोर 20 . 20 से बराबर किया। इसके बाद लगातार मैच प्वाइंट बनाकर गेम जीता लेकिन निर्णायक गेम में लय कायम नहीं रख सकी।

मैच के बाद सिंधू ने पीटीआई से कहा, ‘‘ यह काफी मुश्किल ड्रा था, पहले ही मैच में जापान से सामना कर पड़ा। मैं अपनी तरफ से भारत को शानदार शुरूआत दिलाने चाहती थी। युगल खिलाड़ियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। जापान ने रणनीतिक खेल खेला। साइना ने भी अपना सौ प्रतिशत दिया। वह तीसरे सेट में 16-16 की बराबरी पर थी, दोनों खिलाड़ियों के बीच कुछ स्कोर का ही अंतर था। ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ जापानी खिलाड़ियों (मियाकी और अयाका) ने अच्छी रणनीति अपनायी, उन्होंने हमें गलतियां करने पर मजबूर किया। दुनिया की शीर्ष 10 टीमों का स्तर लगभग एक समान ही हैं। हम यह नहीं कह सकते की कौन मजबूत है कौन कमजोर। हालांकि सभी खिलाड़ी एक दूसरे से अलग हैं।’’ 

पोनप्पा ने कहा कि वह सिंधू के साथ जोड़ी बनाकर ज्यादा नहीं खेलती लेकिन वह सर्वश्रेष्ठ विकल्प थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ सिंधू को मैंने ही चुना था। वह मजबूत खिलाड़ी है और कठिन स्मैशर्स लगाती है। हमें इससे (जोड़ी) जीत दर्ज करने का भरोसा था। हमने थाईलैंड के खिलाफ उबर कप में खेला था और निर्णायक जीत दर्ज की थी।’’