With the loss of the union's recognition, the lack of funds has affected the preparation of the Indian archers' Asian Games: Coach

जकार्ता, 21 अगस्त: भारतीय तीरंदाजी टीम के रिकर्व कोच सवाइयां मांझी ने आज कहा कि मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय महासंघ ना होने से भारतीय तीरंदाजों को मिलने वाली वित्तीय मदद पर असर पड़ा और उन्हें एशियाई खेलों से पहले परिस्थितियों के अनुकूल ढलने के लिए पर्याप्त समय भी नहीं मिला।

मांझी ने कहा कि भारतीय तीरंदाजों को यहां की परिस्थितियों में ढलने के लिए एक महीने प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए था और कुछ परीक्षण प्रतियोगिताओं में भी खेलना चाहिए था।

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लेकिन एशियाई खेलों से पहले भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द होने के कारण विदेश में प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की खातिर खिलाड़ियों के लिए कोष नहीं थे।

कोच ने पीटीआई से कहा, ‘‘सरकार गैर मान्यता प्राप्त संघ को धन नहीं देती। कोष मुहैया कराना मुख्य मुद्दा है। हमें पिछले साल इसी समय यहां आकर कम से कम एक महीने तक प्रशिक्षण लेना चाहिए था तब हमारी मानसिक स्थिति अच्छी होती।’’

उन्होंने कहा, ‘‘या हमें खेलों से पहले कुछ टेस्ट प्रतियोगिताओं में खेलना चाहिए था।’’

भारतीय कम्पाउंड तीरंदाजों ने सोनीपत में जबकि रिकर्व तीरंदाजों ने जमशेदपुर और पुणे में प्रशिक्षण लिया।

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ऊंचाई पर स्थित पुणे में सुहावना मौसम रहता है जबकि जकार्ता में साल के इस समय काफी गर्मी होती है।

मांझी ने कहा कि भारतीय तीरंदाजों ने इंचियोन एशियाई खेलों में चार (एक स्वर्ण, एक रजत, दो कांस्य) पदक जीते थे क्योंकि वे खेलों से पहले दक्षिण कोरियाई शहर में एक महीने तक रहे थे।

मांझी ने कहा, ‘‘तीरंदोजों की मदद के लिए कोई प्रायोजक आगे नहीं आ रहे हैं। ओलंपिक गोल्ड कोस्ट जैसे कुछ लोग हैं जो मदद करते हैं लेकिन महासंघ की मान्यता छिनने के कारण बाकी आगे नहीं आ रहे।’’

सरकार ने खेल संहिता का पालन ना करने के लिए दिसंबर, 2012 में भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता छीन ली थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने महासंघ की मान्यता रद्द होने से जुड़े सभी मुद्दों के हल के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को पर्यवेक्षक सह प्रशासक नियुक्त किया है। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है।

देश की शीर्ष तीरंदाज दीपिका कुमारी ने भी कहा कि जकार्ता में प्रशिक्षण ना लेने का असर पड़ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे फर्क पड़ता है।’’

भारत की कंपाउंड टीम के कोच जीवनजोत सिंह तेजा ने कहा कि प्रशासनिक मुद्दों के कारण तीरंदाजों को नुकसान नहीं होना चाहिए।