बीसीसीआई अनुशासनात्मक समिति ने 2013 आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग कांड के बाद श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबन्ध लगाया, हालाँकि दिल्ली अदालत ने 2015 में खिलाड़ी के विरुद्ध सभी आपराधिक आरोपों को खारिज कर दिया था, लेकिन फिर भी बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबन्ध कायम रखा हैं. OMG! लाजवाब फॉर्म में चल रहे विराट कोहली के लगातार फ्लॉप होने के बाद कोहली के लिए ये क्या बोल गए गांगुली
लेकिन 34 वर्षीय क्रिकेटर ने स्कॉटलैंड में लीग क्रिकेट के माध्यम से ग्लेन्रॉस्ट्रॉस क्रिकेट क्लब से वापसी उम्मीद लगाई थी, लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें खेलने के लिए एनओसी नहीं दिया. 2013 में राजस्थान रॉयल्स के अजित चंदिला और अंकित चव्हाण पर भी श्रीसंत के साथ आजीवन प्रतिबन्ध लगाया था. इसके मामले पर क्रिकेटर श्रीसंत बीसीसीआई के विरुद्ध हाई कोर्ट का दरवाजा खटखाटाया हैं.
श्रीसंत ने कहा, “अदालत ने बीसीसीआई को प्रतिबंध हटाने के आदेश के जवाब में चौदह दिन में जवाब माँगा है. हमें अब देखना यह होगा, कि बीसीसीआई इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है.”GYM में अपनी पड़ोसी पार्टनर को दिल दे बैठे था यह भारतीय क्रिकेटर
“सबसे बड़ी बात यह हो सकती है, कि मैं खेलना चाहता हूँ और सबसे खराब यह है, कि शायद वे प्रतिबंध नहीं हटाए और मुझे स्कॉटलैंड में खेलने के एनओसी दे दे.”
“लेकिन मैं निश्चित रूप से इसे (आजीवन प्रतिबन्ध) हटाने के लिए लड़ूंगा, क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण है. अगर मैं स्कॉटलैंड आऊं, तो मैं बहुत सम्मान के साथ खेलना चाहता हूँ और कई स्कॉटलैंड के खिलाड़ियों को अपने घर कोची में भी साथ ला सकूं. जिससे भविष्य में स्कॉटलैंड खिलाड़ी भारत आएंगे तो उनके लिए यह एक बेहतर अनुभव हो सकता है. उन्हें यहाँ खेलने का अधिक मौका मिलेगा.”
“जो मैं कर सकता हूँ, मैं वो करूँगा. मैं सिर्फ उम्मीद कर रहा हूँ, कि अदालत मुझे न्याय देगी.” #WTF बाबा गुरमीत राम रहीम ने किया बड़ा दावा कहा उन्होंने कोहली को दोहरा शतक बनाना सीखाया
आजीवन प्रतिबंध के कारण श्रीसंत अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी लीग मैच नहीं खेल सकते और न ही बीसीसीआई या उससे संबंध रखने वाले किसी राज्य संघ के स्टेडियम में अभ्यास कर सकते हैं.
“यह बहुत चौंकाने वाला है. वास्तव में यह चौंकाने वाला इसलिए भी है क्योंकि, मैं और मेरा परिवार, क्रिकेट प्रशंसकों, दुनिया भर में केरल के सभी लोग पिछले चार वर्षो से मेरी वापसी का इंतजार कर रहे है, लेकिन आप वापस नहीं लौट सकते हैं.”
“यहाँ तक, कि अदालत के फैसले के बाद बीसीसीआई ने शायद मुश्किल से मेरे मैसेज पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने मेरे ईमेल को स्वीकार नहीं किया है यह किसी भी कार्यालय काम का सही तरीका नहीं है.”अब इस ब्रांड को क्रिकेट के मैदान पर प्रमोट करते दिखेंगे ऋषभ पन्त
“जब मुझ पर आरोप लगाया गया, तो उन्होंने मुझे ससपेंड कर दिया. यह ठीक है, 90 दिनों का निलंबन नियम के तहत था और मैं इससे सहमत हूँ .इसलिए जब मामला चला रहा था तो मैं इंतजार कर रहा था और लगभग दो वर्षो से चुप था. मैं हमेशा अदालत में विश्वास करता था और मैं कभी भी टिप्पणी नहीं करना चाहता था मैं सर्वशक्तिमान और न्याय पर विश्वास रखता हूं और उम्मीद है कि यह होगा, और फिर 25 जुलाई 2015 को आपराधिक आरोप दिल्ली में खारिज किए गए.”