विश्व भर में फैल चुके कोरोना वायरस के कारण इन दिनों हर तरह की गतिविधियां बंद पड़ी है इसमें क्रिकेट के मैदान में भी सन्नाटा पसरा पड़ा है लेकिन क्रिकेट बंद होने के बीच बीसीसीआई ने अपना पिटारा खोला है। बीसीसीआई ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़े घरेलू, सीनियर, जूनियर तमाम तरह के खिलाड़ियों का बकाया लौटाया है।
बीसीसीआई ने किया पूर्व क्रिकेटरों की बकाया राशि को क्लीयर
इन दिनों क्रिकेटर्स के सामने मैच नहीं होने से काफी दिक्कतें हैं इसी बीच बीसीसीआई ने बकाया राशि लौटाने का फैसला किया। जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर को 14 साल के बाद पेंशन का पैसा मिलने जा रहा है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी मनोज प्रभाकर को साल 2000 में मैच फिक्सिंग के कारण 5 साल के लिए बैन कर दिया था। मनोज प्रभाकर से बैन तो 2005 में ही खत्म हो गया था लेकिन बीसीसीआई ने उसके बाद से उन्हें कोई पेंशन नहीं दी थी।
मनोज प्रभाकर को बैन हटने के 14 साल जारी की पेंशन
आखिरकार मनोज प्रभाकर के लिए कोरोना संकट के बीच एक बड़ा सहारा मिला जिसमें बीसीसीआई ने बैन के हटने के 14 साल के बाद उन्हें उनकी पेंशन का बकाया लौटाने का फैसला किया। प्रभाकर को कुल 1 करोड़ की राशि जारी की गई है। इतना ही नहीं बीसीसीआई ने तो पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के 1.5 करोड़ बकाया राशि को भी क्लीयर कर दिया।
वहीं इसके अलावा घरेलू क्रिकेटरों की भी ईनामी राशि को बीसीसीआई ने जारी कर दिया है। कुछ दिन पहले एक अखबार ने घरेलू खिलाड़ियों की पुरस्कार बकाया राशि को लेकर खबर छापी थी उसी के बाद अब बीसीसीआई ने भी पूरा कर दिया है।
खिलाड़ियों को उनकी ईनामी राशि देने से होगी बड़ी मदद
घरेलू क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सिक्किम के मिलिंद कुमार 2.5 लाख रुपये और बिहार के कप्तान अशुतोष अमन को रणजी में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में पर 2.5 लाख रुपये की राशि दी गई।
भारतीय महिला क्रिकेटर्स में युवा स्टार शेफाली वर्मा को महिला क्रिकेट में बेस्ट जूनियर का अवार्ड के रूप में 1.5 लाक रुपये और दीप्ति शर्मा को बेस्ट सीनियर खिलाड़ी के रूप में 1.5 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई।
इसके साथ ही पुरुष खिलाड़ियों में 6 खिलाड़ियों को पुडुचेरी के सिदाक सिंह(सीके नायडू में सबसे ज्यादा विकेट), झारखंड के आर्यन हुडा और झारखंड के ही अभिषेक यादव, गुजरात के मनन हिजरानिया, गुजरात के अपूर्व आनंद, केरल के वत्सल गोविंद को 1.5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया।