विश्व क्रिकेट के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई आज दुनियाभर की क्रिकेट का आका बना हुआ है। भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड का कन्ट्रोल ना केवल भारतीय क्रिकेट बल्कि विश्व क्रिकेट में भी कहीं ना कहीं नजर आता है। बीसीसीआई क्रिकेट जगत के सबसे धनी बोर्ड होने के कारण उनका खास रूतबा है।
विश्व क्रिकेट में बीसीसीआई है सबसे धनवान बर्ड
इसी रूतबे के साथ ही बीसीसीआई के बैनर तले सालों से इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन हो रहा है। इस लीग में दुनियाभर के एक से एक दिग्गज क्रिकेटर्स अपना जौहर दिखाते नजर आते हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग को आज विश्व क्रिकेट की सबसे बड़ी लोकप्रियता हासिल हो चुकी है। जिसने बीसीसीआई को क्रिकेट जगत में एक बहुत बड़ा ब्रांड बना दिया है। आईपीएल से बीसीसीआई एक सीजन में हजारों-करोड़ की कमाई कर लेता है।
आईपीएल में बत्ती गुल ने बीसीसीआई का उड़ाया फ्यूज
बीसीसीआई पैसों के मामले में आज क्रिकेट जगत का पावर हाउस है, आईपीएल में इसका जबरदस्त नमूना देखा जाता रहा है, जहां क्रिकेटर्स को पैसा देने से लेकर जबरदस्त हाई प्रोफाइल व्यवस्था और सुविधा से बीसीसीआई ने अपनी शोहरत में चार चांद लगा दिए हैं।
लेकिन इतना बड़ा नाम और पैसा होने के बाद भी बीसीसीआई की जबरदस्त फजीहत हो गई। आईपीएल के 15वें सीजन अपनी सफलता का सफर जारी रख रही थी, तभी 59वें मैच में बिजली गुल ने बीसीसीआई की जमकर फजीहत करवा दी।
पावर कट के कारण डीआरएस का नहीं हो सका इस्तेमाल
क्रिकेट जगत में सबसे ज्यादा रौबदार मानी जाने वाली बीसीसीआई को यहां जबरदस्त झटका लगा। चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच खेले गए मैच की शुरुआती 10 गेंद में पावरकट होने से डीआरएस टेक्नोलॉजी बंद थी। इसका खामियाजा चेन्नई सुपर किंग्स को भुगतना पड़ा।
चेन्नई सुपर किंग्स के फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज डेवॉन कॉनवे पगबाधा आउट दिए जाने के बाद बिजली गुल होने से डीआरएस नहीं ले सके थे। दिखने में साफ लग रहा था कि कॉनवे डीआरएस होने पर आउट होने से बच जाते।
पावर कट के बाद बीसीसीआई नहीं रख सकती डीआरएस सिस्टम को चालू
पावर कट हो सकता है, ये तकनीकि मामला है, जिस पर हर वक्त किसी का कन्ट्रोल नहीं हो सकता है, लेकिन सवाल ये है कि क्या क्रिकेट जगत के इतने बड़े धनवान बोर्ड के द्वारा पावर कट होने पर डीआरएस सिस्टम को चालू रखने की व्यवस्था नहीं की जा सकती थी।
पूरे ग्राउंड में बिजली गुल होने पर जनरेटर से लाइट्स में व्यवधान नहीं होता, तो आखिर डीआरएस सिस्टम के लिए ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। इस मामले के बाद बीसीसीईआई की पूरे क्रिकेट जगत में जरूर फजीहत हुई है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई ऐसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए क्या कदम उठाती है।