धोनी और कोहली का डोप टेस्ट नहीं कराना चाहती बीसीसीआई, ये है परेशानी, खत्म हो सकता है करियर 1

भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई अपने देश की सबसे बड़ी संस्था में से एक हैं। साथ ही बीसीसीआई विश्व क्रिकेट में सबसे अमीर बोर्ड है ऐसे में बीसीसीआई हर मामले में अपनी मनमानी करने से नहीं चूक रहा है।

बीसीसीआई खिलाड़ियों के लिए देश की नेशनल एंटी डोपिंग एंजेसी के तहत काम नहीं करने की जिद्द पर अड़ गया है। बीसीसीआई इस तरह से अपने पावर का इस्तेमाल करके अपने धोनी और विराट जैसे खिलाड़ियों का डोपिंग टेस्ट नाडा से नहीं करवाना चाहता है।

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बीसीसीआई ने नाडा के तहत डोप टेस्ट कराने से किया इनकार

बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी के चीफ नवीन अग्रवाल को 8 नवंबर को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होनें साफ कर दिया है कि नाडा को धोनी और विराट जैसे खिलाड़ियों के लिए टेस्ट को सेट करने की कोई जरूरत नहीं है।

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बीसीसीआई की खुद डोपिंग प्रणाली है मजबूत

बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने इसको लेकर कहा है कि “बोर्ड राष्टीय खेल महासंघ के तहत नहीं आता है और बीसीसीआई की खुद की एक डोपिंग प्रणाली बहुत मजबूत है। बीसीसीआई के द्वारा दिया गया ये जवाब सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति के मार्गदर्शन के साथ तैयार किया गया था।”

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नाडा के पास नहीं है क्रिकेटरों के डोप टेस्ट का अधिकार

बीसीसीआई के एक अधिकारी के द्वारा इसको लेकर कहा गया है कि” ये उल्लेख करना स्वाभाविक है कि बीसीसीआई एक राष्ट्रीय खेल महासंघ नहीं है। इसके अनुसार तो नाडा के पास बीसीसीआई के तत्वावधान में या किसी घरेलु या इंटरनेशनल आयोजन में भारतीय क्रिकेटरों के डोप टेस्ट का अधिकार नहीं रह जाता है।”

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खेल सचिव को भी पत्र लिखकर राहुल जौहरी ने दिया जवाब

अक्टूबर में केन्द्रीय खेल सचिव ने बीसीसीआई से नाडा के साथ सहयोग करने के लिए संपर्क किया था। इसी को लेकर  बीसीसीआई राहुल जोहरी ने इसके साथ ही केन्द्रीय खेल सचिव को भी लिखा कि “बीसीसीआई के पास पहले से ही मजबूत डोप-टेस्टिंग मैकेनिज्म है जो किसी टूर्नामेंट और टूर्नामेंट के दौरान नमूनों के परिक्षण के लिए कार्यरत है। वहीं आईडीटीएम द्वारा खेल मंत्रालय के तत्वावधान में पहले से ही वाडा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में किया जा रहा है।”

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