क्रिकेट की दुनिया में तीन ऐसे खिताब जो प्रत्येक खिलाड़ी जीतने के लिए सोचता है, अपने करियर के दौरान कम से कम इन खिताबों पर कब्ज़ा करने वाली टीम का हिस्सा बनना चाहता है, आज हम ऐसे 6 खिलाड़ियों ने अपना परचम लहराया है. आईपीएल में शामिल होना प्रत्येक खिलाड़ी का सपना होता है.
महेंद्र सिंह धोनी
एमएस धोनी भारत के सबसे सफल आधुनिक क्रिकेटरों में से एक है. उन्होंने भारत में सीमित ओवरों के क्रिकेट के तरीके को फिर से परिभाषित किया. बल्लेबाज के रूप में धोनी की ताकत के अलावा, उनके नेतृत्व कौशल ने उन्हें विशेष खिलाड़ी बना दिया है.
कप्तान के रूप में उनका स्वर्ण युग 2007 में विश्व टी -20 खिताब जीत के साथ शुरू हुआ. इसके बाद वह 2011 में विश्वकप में भारत का नेतृत्व करने वाले कप्तान बने और वर्ष 2014 में भारतीय टीम ने इनकी अगुवाई में चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती.
आईपीएल में, धोनी आईपीएल टीम – चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तान रहे है, इन्होने यहाँ पर भी अपने कुशल नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया , दो बार टीम को आईपीएल खिताब दिलाया , दो साल तक प्रतिबंधित होने के बाद, वे 2018 में खिताब जीतने में फिर से सफल हुए.
युवराज सिंह
युवराज सिंह भारतीय टीम के लिए एकदिवसीय क्रिकेट की रीढ़ साबित हुए है, इन्होने अंडर 19 विश्वकप में आकर्षक पारी खेली, और टीम को जीत दिलाने में कई बार इस तरह के प्रदर्शन किये है.
युवराज सिंह 2011 में हुए विश्वकप में भारतीय टीम के हिस्सा थे. साल 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद टीम में शामिल रहे, इस वर्ष टीम ने आईपीएल खिताब को अपने नाम किया था.
हरभजन सिंह
हरभजन सिंह सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के लिए बेहद प्रभावी ऑफ स्पिनर के रूप में उभरकर सामने आये है हरभजन सिंह ने लगभग 18 सालों तक टीम का प्रतिनिधित्व किया. 2007 में हुए टी-20 विश्वकप में हरभजन ने अपनी प्रभावी गेंदबाजी के द्वारा टीम को जीत दिलाने में अहम् योगदान दिया.
2011 में हुए एकदिवसीय विश्वकप में हरभजन भी टीम के हिस्सा थे. इसके बाद आईपीएल में मुंबई टीम के साथ आईपीएल के कई संस्करण खेले जिसमें उन्होंने 2013, 2015 और 2017 में उनके साथ तीन आईपीएल ट्रॉफी जीती थीं. 2018 की नीलामी में सीएसके द्वारा खरीदा गया और इस साल अपनी चौथी आईपीएल ट्रॉफी जीती.
गौतम गंभीर
गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट में अनुभवी क्रिकेटरों में से एक हैं। उन्होंने विशेष रूप से महत्वपूर्ण परिस्थितियों में, काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2007 में विश्व टी -20 फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 75 रनों की अहम भूमिका निभाई थी.
2011 के विश्वकप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 97 रनों की पारी खेली थी, 274 रनों का पीछा करते हुए भारत ने पारी में सचिन और सहवाग के विकेट को जल्द खो दिया था. हालांकि, गंभीर ने अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलकर भारत को मैच ही नहीं विश्वकप जिताया.में आईपीएल खिताब जीता चुके है.
युसुफ़ पठान
2011 विश्वकप विजयी टीम के हिस्सा रहे युसूफ ने टीम में जगह तो स्थिर नहीं पाना पाए लेकिन इन्होने अहम् मौकों पर टीम के लिए प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद आईपीएल खिताब जीतने वाली टीम कोलकाता के महत्वपूर्ण खिलाड़ी के तौर पर उपस्थित रहे.
पीयूष चावला
मात्र 17 साल की उम्र में 2006 में पीयूष चावला ने अपनी अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. चयनकर्ताओं ने चावला पर भरोसा दिखाते हुए इन्हें सभी फार्मेट में चुना. चावला उस टीम के भी हिस्सा थे जिन्होंने टी -20 विश्वकप जीता था. इसके बाद इनको विश्वकप 2011 के लिए 15 सदस्यों वाली टीम के लिए चयन किया गया.
विश्वकप के बाद चावला लगभग टीम से भर ही रहे लेकिन वह आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन से टीम के लिए कई बार दावा ठोक चुके है, पहले तीन सालों से किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलने के बाद, चावला कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा रहे हैं.
उन्होंने 2014 में केकेआर की खिताब जीत में बड़ी भूमिका निभाई, जहां उन्होंने अपनी पिछली टीम किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ एक करीबी फाइनल में जीत दर्ज की.
इन खिलाड़ियों ने टीम को नए मुकाम पर ले जाने के लिए निरंतर अच्छे प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाने में मदद दिलाई.
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