टीम इंडिया इस समय उस दौर से गुजर रही है जहां उसका भविष्य अजीब स्थिति में नजर आ रहा है। इस साल की शुरुआत में टीम ने पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाई, फिर वे विश्व कप का खिताब बचाने में असफल रहे, उसके बाद बांग्लादेश ने उन्हें वनडे सीरीज में रौंदकर सबको चौंका दिया, टीम के दो मुख्य प्रारूपों के कप्तान अलग-अलग हो चुके हैं और सबसे बड़ी समस्या- टीम बिना मुख्य कोच के खेल रही है। अब खबरें हैं कि 29 जुलाई को बीसीसीआइ एक बड़ा फैसला ले सकती है।
खबरों के मुताबिक ये फैसला है टीम के मुख्य कोच को चुनने का। हाल में धौनी और टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री ने टीम की असफलताओं के बावजूद कहा था कि उनके पास पर्याप्त टीम सपोर्ट स्टाफ मौजूद है, ऐसे में मुख्य कोच की जरूरत नहीं लेकिन शायद बीसीसीआइ को अब ये बात खटकने लगी है। खबरों की मानें तो बोर्ड और उसकी नई सलाहकार समिति (गांगुली, सचिन और लक्ष्मण) धौनी और शास्त्री के इस फॉर्मूले के खिलाफ है कि पर्याप्त सपोर्ट स्टाफ टीम चलाने के लिए काफी है। बोर्ड चाहता है कि टीम के लिए एक मुख्य कोच होना जरूरी है।
खबरों के मुताबिक जिंबाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया की घोषणा के दौरान बीसीसीआइ सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा था कि अगर कोच पद के लिए कोई सही विकल्प नजर आता है तो बोर्ड इसकी चर्चा अपनी सलाहकार समिति से करेगी और ठाकुर ने ये संकेत भी दिए थे कि जुलाई के अंतिम हफ्ते में नए कोच को चुनने के लिए सलाहकार समिति की बैठक हो सकती है। वहीं भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और सलाहकार समिति के मौजूदा सदस्य सौरव गांगुली ने भी संकेत दिए हैं कि 29 जुलाई को एक अहम बैठक होगी जिस पर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और फैसले हो सकते हैं।