सुभाष गुप्ते ने 36 टेस्ट मैच खेले जिनमे 75.7 के स्ट्राइक रेट से 149 विकेट झटके. संदिग्ध राजनीति के कारण अगर इनके करियर का दुर्भाग्यपूर्ण अंत न होता तो वह अपने समय के सबसे अच्छे लेग स्पिनर होते. जानिए क्रिकेटर ‘सुभाष गुप्ते’ के बारे में ये 10 बातें-

1. सर गैरी सोबर्स ने देखा सबसे अच्छा स्पिनर
जब अपने ऑल टाइम टेस्ट एकादश लेने के लिए उनसे पूछा गया तो सर गैरी सोबर्स ने दिग्गज स्पिनर शेन वार्न के ऊपर गुप्ते का नाम रखते हुए कहा आज तक उन्होंने सबसे अच्छे स्पिनर के रूप में भारतीय स्पिनर को देखा है.

Advertisment
Advertisment

2. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले पहले भारतीय
1954-55 में बंबई के लिए खेल रहे गुप्ते ने पाकिस्तान संयुक्त सेवाओं और बहावलपुर इलेवन के सभी 10 विकेट लिए थे. इनका 10-70 रनों का रिकॉर्ड 1956-57 में प्रेमांगसु चटर्जी द्वारा तोडा गया था. जिन्होंने एक प्रथम श्रेणी मैच में एक भारतीय द्वारा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के रूप में 10-20 का रिकॉर्ड दर्ज किया था. हालांकि गुप्ते ने रिश्तन के लिए खेलते हुए लंकाशायर में अपनी उपलब्धि को फिर दोहराया था.

3. वेस्ट इंडीज में 50 विकेट
1953 में वेस्ट इंडीज के लिए अपने पहले ही दौरे में गुप्ते ने 23.63 की औसत से 50 प्रथम श्रेणी विकेट लिए जिनमे 27 टेस्ट विकेट भी शामिल है.

4. उपनाम ” फर्जी “
अपने इस दौरे पर ही वेस्टइंडीज के स्पिनर विल्फ्रेड फर्ग्यूसन के नाम पर उन्हें यह ” फर्जी ” उपनाम मिला था.

5. वेस्ट इंडीज में रोमांस
सीरीज के दौरान बंबई से लेग स्पिनर जल्द ही त्रिनिदाद में चर्चा का विषय बन गया था, वहाँ एक सरकारी समारोह में इनकी मुलाकात कैरल से हुई. पत्रों के माध्यम से उनका रोमांस जारी रहा और एक पात्र में गुप्ते ने उन्हें प्रोपोज़ कर दिया. पत्र तुरंत , कैरोल के पिता के पास भेज दिया गया था. उन्होंने ने भी सहमति दे दी और सब कुछ अच्छे से हो गया. दोनों ने 1962 में शादी कर ली और ‘ कन्यादान ‘ गुप्ते के दोस्त और भारतीय टीम के उनके साथी माधव आप्टे द्वारा किया गया था.

Advertisment
Advertisment

 

6 एक टेस्ट पारी में 9 विकेट
सुभाष गुप्ते ने वेस्ट इंडिया के खिलाफ कानपुर में एक पारी में नौ विकेट झटके थे. अगर विकेट कीपर नरेन तम्हाने लांस गिब्स का कैच न गिराते तो एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले गुप्ते पहले भारतीय होते.

7. इंग्लैंड के खिलाफ हीरोगिरी
गुप्ते ने 95 प्रथम श्रेणी विकेट के साथ 1959 में इंग्लैंड के दौरे पर अपनी शानदार फार्म जारी रखी. वहीँ 1961 में इंग्लैंड के भारत दौरे पर लेग स्पिनर ने कानपुर में अपनी महारत दिखाई जहां उन्होंने 20 रन देकर 5 विकेट लिए थे.

8. बिशन बेदी और वीनू मांकड़ के लिए प्रेरणा
गुप्ते ने आने वाले वर्षों के लिए कई प्रतिभाशाली युवाओं को प्रेरित किया. ऐसा ही एक नौजवान गुप्ते की हीरोगिरी से प्रेरित बिशन सिंह बेदी , जो भारत के सबसे सफल स्पिनरों में से एक बन गए. वहीँ वीनू मांकड़ ने एक बार अपने बेटे से कहा था कि अगर क्रिकेट में जादू था, तो गुप्ते जादूगर था.

9. एक महान करियर का एक विरोधी अंत
1961 में, इंग्लैंड टीम दिल्ली में एक मैच खेलने के लिए गयी थी. उस दौरे पर गुप्ते के रूममेट एजी कृपाल पर होटल रिसेप्शनिस्ट से ड्रिंक पीने के लिए पूछने का आरोप लगा था. और प्रशासक गुप्ते से नाराज़ थे कि उन्होंने उस वक़्त मामले में दखल क्यों नहीं दिया. उसी दिन , दोनों खिलाड़ियों को बर्खास्त कर दिया गया. जबकि 6-7 अन्य भारतीय खिलाडी अपने कमरे में ताश के पत्तों का खेल खेल रहे थे. अपने साथ हुए अन्याय से निराश गुप्ते अपनी पत्नी के साथ त्रिनिदाद रहने के लिए चले गए. 32 की उम्र में इन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट खेला था.

10 दुनिया को अलविदा
गुप्ते का 72, की उम्र में जून 2002 में निधन हो गया जब वह और उनकी पत्नी त्रिनिदाद में वेस्ट इंडीज के अपने दौरे पर आरही भारतीय क्रिकेट टीम के स्वागत की तैयारी कर रहे थे. जब कैरल अंत में भारतीय टीम से मिली तब उन्होंने सौरव गांगुली से कहा कि शायद सुभाष की आत्मा उनकी टीम के साथ अपने देश वापसी करना चाहती है.

Sportzwiki संपादक

sportzwiki हिंदी सभी प्रकार के स्पोर्ट्स की सभी खबरे सबसे पहले पाठकों तक पहुँचाने के...