साल था 1992 का जब इंग्लैंड और साऊथ अफ्रीका के बीच वर्ल्डकप सेमीफाइनल खेला जा रहा था. इस मैच में मुकाबला बेहद रोंचक था और अफ्रीका के लिए यह मैच बेहद अहम था. लेकिन रोचक मुकाबले में कुछ ऐसा हुआ जिसको देखकर सभी खिलाड़ी हैरान रह गए. यह वो दौर था जब दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव चरम पर था और इस वजह से कोई भी टीम वहां खेलने से कतराती थी. ऐसे में अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के लिए यह बेहद जरुरी था कि वहां खिलाड़ियों का हौसला बनाये रखे और क्रिकेट जिन्दा रखा जा सके.
22 मार्च को सिडनी में खेला गया था रोमांचक मुकाबला
साल 1992 और तारीख थी 22 मार्च जब सिडनी में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच मैच खेला जा रहा था. यह मैच वर्ल्डकप सेमीफाइनल था, जिसमे दो बेहतरीन टीमें आमने-सामने थीं. इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अफ्रीका को 253 रनों का लक्ष्य दिया था. इस मैच में अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया इंग्लैंड के पहले 2 विकेट जल्दी ही गिर गए थे और इसके बाद खिलाड़ियों पर प्रेशर बढ़ गया था.
इसके बाद टीम को एक बेहतरीन साझेदारी की जरूरत थी, जिसके बाद मैदान पर आये स्टीवर्ट और हिक ने अर्धशतकीय पारी खेली. लेकिन इसके बाद स्टीवर्ट भी पवेलियन लौट गए. इसके बाद बल्लेबाजों का आउट होने का सिलसिला चलता रहा, लेकिन दूसरी ओर हिक मैदान में टिके रहे. इसके साथ ही हिक की बदौलत टीम ने 45 ओवर में 252 रन बनाये.
13 गेंदों पर चाहिए थे 22 रन
इंग्लैंड अपनी पहली पारी खेल चुका था और अफ़्रीकी खिलाड़ियों को 253 रनों की दरकार थी. इसके बाद अफ़्रीकी बल्लेबाज मैदान पर आये और लक्ष्य का पीछा करने लगे. लेकिन 26 रन बने ही थे की अफ्रीका का पहला विकेट गिर गया और इसके बाद 61 रनों पर दूसरा खिलाड़ी भी पवेलियन चलता बना.
हालांकि अफ़्रीकी बल्लेबाज रन रेट मेंटेन किये हुए थे, जिसकी वजह से उनको ऐसा लग रहा था कि मैच उनके ही हाथ में है. इस तरह से लगातार छोटे-छोटे अंतराल पर विकेट गिरते चले गए और आखिर में उनको जीत के लिए 13 गेंदों पर 22 रन चाहिए थे.
बारिश ने बदल दिया मैच का परिणाम, एक गेंद पर 22 रन की दरकार
अफ्रीका को जीत के लिए 13 गेंदों पर 22 रनों की दरकार थी, जिसके बाद अचानक बारिश शुरू हो गई. बारिश 10 मिनट तक लगातार चलती रही और उसके बाद एक बार फिर खिलाड़ी मैदान में आ गए. लेकिन मैच रेफरी ने बारिश होने की वजह से डकवर्थ लुईस मैथड नियम के तहत 22 रनों का लक्ष्य 1 गेंद में दिया, जिसके बाद सभी खिलाड़ियों के होश फाख्ता हो गए. साथ ही इस फैसले से सभी देशों के क्रिकेट प्रशंसक भी काफी खफा नजर आये.
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इसके बाद अफ्रीका को जीत के लिए 1 गेंद पर 22 रन बनाने थे. गौरतलब है कि, यह नामुमकिन था और ऐसा कर पाना किसी भी तरह से मुमकिन नहीं था. अंततः मैच अफ्रीका के हाथ से निकल गया और आज तक अफ्रीका का वर्ल्डकप फाइनल में खेलना एक सपना बना हुआ है. इस फैसले को लेकर पूरे क्रिकेट जगत में काफी बहस चली थी.