भारतीय टीम ने 2011 विश्व कप अपने नाम किया था. जिसमें भारतीय टीम प्रमुख गेंदबाज ज़हीर खान का बहुत ही अहम योगदान था. अहम मौके पर विकेट लेकर उन्होंने टीम को खिताब जीतने में अहम भूमिका निभाई थी. अब उस विश्व कप जीत को याद करते हुए ज़हीर खान ने कहा 2003 में की गलती से सबक लेकर खेला था 2011 का विश्व कप.
ज़हीर खान ने कहा 2003 में मिला सबक ही 2011 में काम आया
श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में ज़हीर खान ने फॉर्म में चल रहे उपुल थरंगा को जल्द ही पवेलियन भेज कर अच्छी शुरुआत दी थी. जिसके बारें में बात करते हुए ज़हीर खान ने स्पोर्टस्टार से कहा कि
” मैं पूरी तरह से अपने जोन में था. मैं व्यक्तिगत रूप से सिर्फ वर्तमान में रहने के उस जोन में था. मैं वर्तमान में बने रहना चाहता था और भावनाओं को मुझसे बेहतर नहीं होने देना चाहता था. मेरे लिए 2003 विश्व कप एक सबक की तरह लग रहा था. हम जानते थे, कि भावनाएँ आपको कैसे बेहतर कर सकती थी. मैं बस उसी तरह सोच रहा था. जैसे राष्ट्रगान हुआ तो उसके बाद मैं सिर्फ वर्तमान में रहने का प्रयास कर रहा था. मैं अपने जोन में था तो पहले 10 ओवर अच्छे गये थे.”
उस दिन के बारें में बोले ज़हीर खान
विश्व कप 2011 के फ़ाइनल मैच जो श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े में खेला गया, उसको याद करते हुए ज़हीर खान ने कहा कि
” मुंबई की वो दोपहर बहुत ज्यादा गर्म थी. सभी के लिए ऊर्जा बनाये रखना बहुत मुश्किल हो रहा था. हमें ख़ुशी है की फैन्स को उम्मीद थी की हम कर सकते हैं. उस दिन, मुझे हमेशा पता था कि फाइनल अच्छी तरह से शुरू करने के लिए टोन को सही सेट करना महत्वपूर्ण है. मेरे लिए, उन तीन घंटों की गेंदबाजी करना और बिना ज्यादा रन दिए वास्तव में वह विकेट लेना अद्भुत था. 2003 के विश्व कप के दौरान, मैं सिर्फ एक युवा बच्चा था जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आ रहा था और फाइनल तक पहुँचाथा. एक ऐसी विरोधी टीम के खिलाफ खेल रहा था जो बहुत मजबूत और अनुभवी था.”
उस विश्व में सफलता के बारें में बोले ज़हीर
भारत में खेले गये उस विश्व कप 2011 में उन्होंने 21 विकेट हासिल किये थे. उस सफलता के बारें में बोलते हुए ज़हीर खान ने कहा कि
” यदि आप वर्तमान में रह रहे हैं और केवल यह देख रहे हैं कि मैच क्या है, और बस उस पर प्रतिक्रिया करते हैं तो चीजे सरल हो जाती हैं. मुझे लगता है कि 2003 का अनुभव और शिक्षा थी जो मैंने 2011 में लागू की थी.”