23, मार्च 1931 याद हैं, ना यह तारीख. जी हाँ ! यह वही तारीख हैं, जिसे हमारे देश में शहीद दिवस के नाम से बनाया जाता हैं. आज ही के दिन देश की आजादी में बड़ा किरदार निभाने वाले शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गयी थी.
शहीद दिवस के मौके पर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक ऐसी बात कही, जिससे हमारे देश की युवा पीढ़ी की सबक लेना चाहिए.
महेंद्र सिंह धोनी ने मशहुर लेखक सुनंदन लेले को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, कि ”23 मार्च यह तारीख मेरे लिए बहुत ज्यादा मायने रखती हैं. आज के समय में हमारे देश के नौजवान दिवाली, होली, नया साल, यहाँ तक की वैलेंटाइन डे को भी बड़ी धूमधाम से बनाते हैं. मगर अपने इतिहास के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाता. मेरे हिसाब से सभी को अपने देश के इतिहास के बारे में भी पता होना चाहिए.”
महेंद्र सिंह धोनी ने आगे कहा, कि ”23 मार्च को ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश सरकार ने फांसी दी थी. इसमें सबसे ख़ास बात यह थी, कि यह तीनों ही बहुत नौजवान थे और एक छोटी सी जिंदगी में ही उन्होंने बहुत सारी चीज़े हासिल की थी.” सीरीज से बाहर होते ही महेंद्र सिंह धोनी के लिए आई बड़ी राहत की खबर
महेंद्र सिंह धोनी ने आगे कहा, कि
”मैंने किताब में पढ़ा हैं, कि कैसे मात्र 12 साल की उम्र में ही भगत सिंह ने आजादी के बारे में सोचना शुरू कर दिया था. 19 साल की उम्र में उनका बम बनाना यह काबिले तारीफ बात हैं.”
धोनी ने अपने इस बातचीत में भगत सिंह से जुड़ी हुई काफी बातें की और अपने ज्ञान को दर्शाया. साथ ही महेंद्र सिंह धोनी ने यह भी कहा, कि सभी देशवासियों को शहीद दिवस मनाना चाहिए और शहीदों को नमन करना चाहिए.
आपको बता दे, कि महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं और भारतीय टीम को अपनी कप्तानी में दो दो विश्व कप के साथ अनेकों बड़े बड़े ख़िताब जीता चुके हैं. आईपीएल के रंग में रंगा धोनी का परिवार, बेटी जीवा कर रही कुछ ख़ास अंदाज़ में तैयारी