आईसीसी विश्व कप 2011

जिस खेल में टीम हिस्सा लेती है उसमें कप्तानी की भूमिका काफी बड़ी हो जाती है। विश्व स्तर पर पसंद किया जाने वाला क्रिकेट भी एक ऐसा ही खेल है जिसमें एक कप्तान अपनी टीम के और 10 खिलाड़ियों का नेतृत्व करता है। ऐसे में कप्तान की जिम्मेदारी काफी अधिक बढ़ जाती है और उसके नेतृत्व का टीम पर असर पड़ता है।

भारत में ही नहीं बल्कि लगभग हर टीम में देखा जाता है की अच्छे फॉर्म में चल रहे खिलाड़ी को टीम की कमान सौंपी जाती है। मगर हमेशा ये फॉर्मूला काम नहीं आता है। जी हां, विश्व क्रिकेट में ऐसे तमाम उदाहरण हैं जिन्होंने खेलते हुए तो अपने नाम का लोहा मनवाया लेकिन कप्तानी में फ्लॉप रहे।

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तो आइए इस आर्टिकल में आपको विश्व क्रिकेट के उन 3 खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेल में तो नाम कमाया लेकिन कप्तानी में फ्लॉप रहे।

                 3 दिग्गज खिलाड़ी रहे कप्तानी में फ्लॉप

1- सचिन तेंदुलकर

3 दिग्गज खिलाड़ी जिन्होंने अपने देश को जीताएं बहुत सारे मैच, पर बतौर कप्तान रहे फ्लॉप 1

एक खिलाड़ी के रूप में तो सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के मैदान पर बहुत नाम कमाया, लेकिन कप्तान के रूप में वह अपनी छवि को बरकरार नहीं रख सके। सचिन तेंदुलकर को 90 के दशक के अंत मे टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था, लेकिन इसमें वह शत प्रतिशत खरे नहीं उतरे।

सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम के लिए एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में 72 मैच में कप्तानी की थी। जबकि भारतीय टीम को मात्र 23 मैच में ही जीत नसीब हो पायी थी। जबकि 42 मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा था। इस बीच एक मैच टाई भी रहा था. तेंदुलकर का टेस्ट रिकॉर्ड भी कुछ ऐसा ही है।

कप्तान बनाये जाने से पहले सचिन के बल्ले से लगातार रनों की बारिश भी देखने को मिलती थी, लेकिन इस जिम्मेदारी के बाद वह बल्ले से भी फ्लॉप रहे। लगातर उठते सवाल और खराब बल्लेबाजी को लेकर उनकी जमकर आलोचना भी देखने को मिली और जल्द हि सचिन ने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया।

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