इतिहास के पन्नो से: विश्व कप इतिहास में भारतीय टीम के 3 सबसे रोमांचक मुकाबले, थम गई थीं फैंस की सांसे 1

भारतीय टीम विश्व कप में 5 जून से अपने अभियान की शुरुआत करेगी। टीम ने इससे पहले 1983 और 2011 में विश्व कप को अपने नाम किया था। टीम ने अभी तक सभी विश्व कप में हिस्सा लिया है और कई रोमांचक मुकाबले खेले हैं। आज हम आपको विश्व कप में भारत के 3 सबसे रोमांचक मुकाबलों के बारे में बताने जा रहे हैं।

3. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, विश्व कप 1987

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विश्व कप 1987 के तीसरे मुकाबले में भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया की टीम थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवर में 270 रन बनाये। उनके लिए गोफ मार्श ने शानदार 110 रनों की पारी खेली थी। भारतीय टीम ने अच्छी बल्लेबाजी की और आसानी से लक्ष्य की तरफ पहुँचती दिख रही है।

क्रिस श्रीकान्त ने 70 और नवजोत सिंह सिद्धू ने 73 रनों की पारी खेली थी। 229 के स्कोर पर चौथा विकेट खोने वाली टीम इंडिया 269 रनों पर ऑलआउट हो गयी। एक गेंद बाकि रहते टीम ऑलआउट हो गयी और उसे एक रनों से हार का सामना करना पड़ा।

2. भारत बनाम पाकिस्तान, विश्व कप 1996

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भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप 1996 का क्वार्टरफाइनल मुकाबला खेला गया था। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 287 रन बनाये थे। सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्दू ने 93 रनों की पारी खेली। वहीं निकले क्रम में 25 गेंदों में 45 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी।

पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज आमिर सोहेल और सईद अनवर ने टीम को ताबड़तोड़ शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 87 रन जोड़ दिए। आमिर ने 46 गेंद में 55 और अनवर ने 32 गेंदों में 48 रनों की पारी खेली। इसके आउट होने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने शानदार वापसी की और भारत ने 39 रनों से मैच अपने नाम कर लिया।

1. भारत बनाम इंग्लैंड, विश्व कप 2011

भारतीय टीम

भारतीय टीम विश्व कप 2011 के अपने दूसरे मुकाबले में इंग्लैंड से भिड़ी थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंदुलकर के शतक और युवराज- गंभीर के अर्धशतक की बदौलत टीम ने 338 रन बनाये। यह स्कोर बड़ा भी हो सकता था लेकिन 33 रनों पर टीम ने अपने अंतिम 6 विकेट खो दिए।

इंग्लैंड के टॉप आर्डर के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी की और इंग्लैंड आसानी से जीत की तरफ बढती दिख रही थी। उन्हें 44 गेंदों में 58 रन चाहिए थे और 8 विकेट शेष थे। इसके बाद जहीर खान की शानदार गेंदबाजी ने टीम इंडिया को मैच में वापस ला दिया। मैच की अंतिम गेंद पर इंग्लैंड को दो रन चाहिए थे लेकिन ग्रेम स्वान एक ही रन ले पाए और मैच टाई हो गया।