ये तीन मुश्किल निर्णय लेकर ही भारत को सीरीज जीता पाएंगे विराट कोहली, जानें क्या है खास 1

इंग्लैंड के खिलाफ 1 अगस्त से शुरू हो रहे टेस्ट सीरीज को लेकर भारतीय टीम की स्थिति कुछ ज्यादा बेहतर नहीं लग रही. भले ही हर बार की अपेक्षा इस बार टीम इंडिया मजबूत नजर आ रही हो, लेकिन चोटिल खिलाड़ियों ने कप्तान विराट कोहली की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

टीम की बल्लेबाजी तो हमेशा से मजबूत मानी जाती रही है, लेकिन चिंता का सबक आज भी गेंदबाजी ही है. टीम के मुख्य तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार पहले ही शुरुआती तीन टेस्ट मैचों से बाहर हो गए हैं, वहीं जसप्रीत बुमराह भी अभी पूरी तरह फट नहीं हैं.

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स्पिन डिपार्टमेंट की बात करें तो कुलदीप यादव ने लिमिटेड ओवर में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर टीम मैनेजमेंट को असमंजस में डाल दिया है. कुलदीप के प्रदर्शन के बाद ही यह चर्चा शुरू हो गयी है कि अगर टीम को एक स्पिनर के साथ जाना होगा, तो पहला विकल्प कुलदीप होंगे या रविचंद्रन अश्विन. हालांकि रविन्द्र जडेजा का भी इसमें नाम है, लेकिन इंग्लैंड की विकेट वैसे ही फ्लैट मानी जाती है, तो उनके नाम पर ज्यादा विचार नहीं किया जाएगा.

ये तीन मुश्किल निर्णय लेकर ही भारत को सीरीज जीता पाएंगे विराट कोहली, जानें क्या है खास 3

यह पूरा विश्व जानता है कि इंग्लिश बल्लेबाजों को लिए स्पिनर का सामना करना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं होता है. अगर पहले टेस्ट में भारतीय टीम एक स्पिनर के साथ जायेगी तो अंतिम ग्यारह में अश्विन का नाम होना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने इस फार्मेट में खुद की काबिलियत कई बार साबित की है.

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तेज गेंदबाजी की तरफ नजर दौड़ाये तो पहले तीन मैचों में भुवी चोटिल होने के कारण मौजूद रहेंगे नहीं. बुमराह अभी चोट से उबार रहे हैं. ऐसे में इशांत, शमी और उमेश की तिकड़ी से उम्मीद की जा सकती है. इसी में टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की भूमिका भी बहुत अहम होने वाली हैं.

ओपनिंग में मुरली विजय का पार्टनर कौन होगा 

ये तीन मुश्किल निर्णय लेकर ही भारत को सीरीज जीता पाएंगे विराट कोहली, जानें क्या है खास 4

लिमिटेड ओवर में हिट मैन यानी रोहित शर्मा और गब्बर यानी शिखर धवन का कोई तोड़ नहीं है. लेकिन टेस्ट में धवन अपने नियमित पार्टनर के बिना लड़खड़ाने लगते हैं. भले ही उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ शानदार शतक लगाया हो लेकिन विदेशी धरती पर इनका बल्ला ज्यादा हल्ला बोलता नहीं .

केएल राहुल को इस फार्मेट में ज्यादा मौका मिला नहीं है, लेकिन यह बात सब जानते हैं कि राहुल किस दर्जे के बल्लेबाज हैं. पहले दूसरे मैच में तो नहीं लेकिन उसके बाद सलामी में धवन की जगह राहुल को आजमाया जाता है तो हैरानी नहीं होनी चाहिए.