क्रिकेट डेस्क। फटाफट क्रिकेट का महाकुंभ आठ मार्च से भारत में शुरू हो गया है। इस प्रारूप की खासियत यह है कि आप किसी भी टीम को कमजोर नहीं आंक सकते। क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप को आप गिरगिट का पर्यायवाची मान सकते हैं जो कभी भी रंग बदल सकता है।

टी-20 विश्‍व कप के प्रमुख दौर से पहले आठ टीमों के बीच क्‍वालिफायर राउंड खेला जा रहा है। इन आठों टीमों में से कोई दो टीमें अपना खून पसीना एक करके मुख्‍य दौर में जगह बनाएंगी। मगर किस टीम के धुरंधरों में इतना दम है कि वह विपक्षी टीम को बाहर करके अपना लोहा मनवाएगी।

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आइए नजर डालते हैं उन पांच क्रिकेटरों पर जो वर्ल्‍ड टी-20 क्‍वालिफायर्स में अपने दम पर मैच का रुख बदलने का दम रखेंगे-

 मुस्ताफिजुर रहमान (बांग्लादेश)-

2015 ऐसा वष रहा जिसने बांग्लादेश क्रिकेट में काफी परिवर्तन किया। मुस्ताफिजुर रहमान की कहानी वर्ष की सबसे चर्चित कहानियों में से एक रही। रहमान के पास काफी मिश्रण मौजूद है तो विपक्षी टीम को बाहर करने के लिए काफी हैं। वर्ल्‍ड टी-20 क्वालीफायर्स में हिस्सा ले रही टीमों में से बांग्लादेश के इस बाएं हाथ के गेंदबाज पर सबकी निगाहें अटकी हुई हैं। 20 वर्षीय गेंदबाज ने अपनी गति और लाइन व लेंथ से क्रिकेट पंडितो को काफी प्रभावित किया है। उनके पास कटर्स, गति में परिवर्तन, यॉर्कर और स्टाक गेंद जैसे हथियार मौजूद है। उपमहाद्वीप की परिस्थितियों के मद्देनजर इस गेंदबाज का सामना करना चुनौतीपूर्ण होगा। दिग्‍गज भारतीय टीम भी इस गेंदबाज से चकमा खा गई थी तो सहयोगी देशों का क्‍या हाल होगा।

हेमिल्टन मस्क्द्जा (ज़िम्बाब्वे)-

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जिम्‍बाब्‍वे के कप्‍तान हेमिल्टन मस्क्द्जा वर्ल्ड टी-20 में ज़िम्बाब्वे  के सबसे बड़े हथियार साबित हो सकते हैं। दाएं हाथ के अनुभवी बल्लेबाज इस समय शानदार फॉर्म में है। इस वर्ष 6 अन्तराष्ट्रीय टी-20 मैचों में उन्होंने 63 की औसत से 318 रन ठोके। इस दौरान उन्होंने तीन अर्धशतक जमाए। इससे पहले 32 वर्षीय बल्लेबाज ने ज़िम्बाब्वे को बांग्लादेश के खिलाफ अपने ही घर में चार मैचों की टी-20 सीरीज 2-2 से बराबर करने में मदद की थी। हाल ही में ज़िम्बाब्वे ने घरेलू टी-20 प्रतियोगिता में 71 गेंदों में 162 रन की तूफानी पारी खेली थी। वह टी-20 क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने के रिकॉर्ड से महज 13 रन से चूक गए। ज़िम्बाब्वे को मुख्‍य दौर में पहुंचाने के लिए मसाकाद्जा बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।

पॉव स्टर्लिंग (आयरलैंड)-

पॉव स्टर्लिंग आयरिश टीम के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज माने जाते हैं। आयरलैंड के ओपनर अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से विरोधी गेंदबाजों पर दबाव बनाते हैं। स्टर्लिंग को बड़े मैचों का खिलाड़ी भी माना जाता है। 2012 और 2013 में वर्ल्‍ड टी-20 क्वालीफायर्स के फाइनल में पॉल ने क्रमश: 79 व 76 रन की पारी खेली। 2011 में उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में भी स्टर्लिंग ने शानदार प्रदर्शन किया था। भारत में उन्हें खेलने का अनुभव हासिल है और वह एक बार फिर धमाका करना चाहेंगे।

रॉल्फ वान डर मर्व (नीदरलैंड्स)-

दक्षिण अफ्रीका में कोटा प्रणाली के कारण डच नागरिकता हासिल करने वाले मर्व भारत से ही लोकप्रिय हुए थे। भारत में आईपीएल में आरसीबी की तरफ से खेलकर उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी। बाएं हाथ के स्पिनर होने के साथ-साथ मर्व बड़े शॉट के लिए भी मशहूर हैं। 31 वर्षीय गेंदबाज के टीम में होने से नीदरलैंड्स के पास एक परिपक्व ऑलराउंडर मौजूद है।

हामिद हसन (अफगानिस्तान)-

लॉर्ड्स पर खेलने वाले पहले अफगानिस्तानी खिलाड़ी हामिद हसन वर्ल्ड टी-20 क्वालीफायर्स में अफगानिस्‍तान के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। अफगानि तेज गेंदबाज के पास अच्छी गति होने के साथ स्विंग की काबिलियत मौजूद है। इससे उन्हें काफी प्रशंसा मिली। 2015 विश्व कप में हसन ने काफी सुर्खियां बटोरी। उन्होंने श्रीलंका के महान बल्लेबाज कुमार संगकारा को ऐसी गेंदबाजी की, जिसका जवाब बल्लेबाज के पास नहीं था। इसके साथ ही हसन ने 18 अन्तराष्ट्रीय टी-20 में 15 की औसत और 6.61 की इकॉनोमी से 29 विकेट झटके हैं।

 

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