महान बल्लेबाज़ों की उनकी महानता के बावजूद भी अक्सर कई कमजोरियां सामने आ जाती हैं. आइये जानते हैं ऐसे ही 5 महान बल्लेबाज और उनकी प्रसिद्ध कमजोरियां –
# 1 माइकल आथर्टन – ग्लेन मैकग्रा
अपनी पीढ़ी के सबसे प्रख्यात सीम गेंदबाजों में से एक के रूप में ग्लेन मैक्ग्रा की सभी समय में स्थिति वास्तव में निर्विवाद रही है. टेस्ट और एक दिवसीय क्रिकेट दोनों में इन्हे हर विपक्षी टीम के खिलाफ सफलता मिली है. वहीँ माइकल आथर्टन लंकाशायर और इंग्लैंड के लिए एक दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज और कभी कभी लेग ब्रेक गेंदबाज के तौर पर खेलते थे. माइकल आथर्टन ने 25 साल की उम्र में इंग्लैंड की कप्तानी हासिल की और एक रिकॉर्ड 54 टेस्ट मैचों में टीम की अगुवाई की. एक बेहतरीन व् सफल बल्लेबाज़ होने के बावजूद भी माइकल आथर्टन ने ग्लेन मैकग्रा से 19 बार शिकस्त खाई है. ग्लेन ने आथर्टन को 19 बार आउट किया. क्रिकेट इतिहास में यह किसी भी बल्लेबाज के एक गेंदबाज द्वारा सबसे अधिक बार आउट होने का आंकड़ा है.
# 2 डोनाल्ड ब्रैडमैन – हेडली वेरिटी
यह सोचना भी असंभव लगता है कि क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ सर डोनाल्ड ब्रैडमैन को किसी प्रतिद्वंदी के आगे झुकना पड़ा हो. वहीँ हेडली वेरिटी एक धीमी गति से बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज रहे हैं जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 1956 विकेट लिए हैं. उस दौर में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए 17 टेस्ट में जब भी इन दो शानदार क्रिकेटरों का आमना सामना हुआ तो हेडली वेरिटी ने ब्रैडमैन के खिलाफ केवल 401 रन दिए. साथ ही वेरिटी ने ब्रैडमैन को 8 बार आउट भी किया है. डॉन के खिलाफ किसी भी गेंदबाज द्वारा यह सबसे अधिक बार है.
# 3 सचिन तेंदुलकर – बाएँ हाथ के स्पिनर
सचिन अक्सर बाएँ हाथ स्पिन गेंदबाज़ी के खिलाफ हमेशा संवेदनशील रहे हैं. दिग्गज बल्लेबाज़ तेंदुलकर ने बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष किया है. स्पिन गेंदबाज़ी द्वारा 92 बार बर्खास्तगी में से तेंदुलकर 25 मौकों पर बाएं हाथ की स्पिन की चपेट में आये हैं. तेंदुलकर के खिलाफ शीर्ष तीन सबसे सफल स्पिनरों में से दो बाएं हाथ के डेनियल विटोरी (5 बार) और मोंटी पनेसर (4 ) हैं.
# 4 विनोद कांबली – शार्ट बॉल
कई भारतीय बल्लेबाजों को शार्ट बॉलखेलने पर संघर्ष करते देखा गया है. विनोद कांबली उनमे से एक हैं जिन्हे अक्सर शार्ट गेंद खेलने में काफी दिक्कत होती रही है. शार्ट गेंद एक हथियार था जो कांबली पर हमला करने में कई बार सफल रहा है. एक badhiya बल्लेबाज़ कहे जाने वाले कांबली की शार्ट बॉल कमजोरी रही है.
# 5 माइकल क्लार्क – चौथी पारी
माइकल क्लार्क ने 10 वर्षों में 115 टेस्ट मैच खेले हैं और कुल 198 पारियां. उन में से 36 चौथी परिया थी और इन में से 12 चौथी पारियों में इन्होने बल्लेबाजी नहीं की इसलिए 24 चौथी परियों में क्लार्क ने केवल 670 रन बनाए हैं. नतीजन ये एक 31.904 की कमजोर औसत के रूप में सामने आया है. इन 24 पारियों में इनके केवल चार अर्द्धशतक और सिर्फ एक शतक रहा.