क्रिकेट की लोकप्रियता पर खिलाड़ियों की बल्लेबाजी और गेंदबाजी का भी इसमें अहम योगदान रहा है. बल्लेबाजों से लेकर ऑल राउंडर खिलाड़ियों ने इस खेल को लोगों के बीच दिलचस्प बनाए रखा है. मौजूदा समय में टी20 के साथ वनडे तथा टेस्ट क्रिकेट भी लोग बड़े चाव से देखते हैं और अलग-अलग खिलाड़ी इसमें उम्दा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं
वैसे तो भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई महान खिलाड़ी हुए हैं. जिन्होंने सैकड़ों शतक तथा विकेट अपने नाम किये हैं. भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने विश्व भर में अपना लोहा मनवाया है. हालाँकि तेज गेंदबाजी भारत की हमेशा से ही कमजोर कड़ी रही है. खेल में आंकड़ों से ज्यादा खेल भावना का होना महत्वपूर्ण हैं.
कई भारतीय खिलाड़ियों ने अपने समय में उसी खेल भावना का परिचय भी दिया है. कहते हैं बल्लेबाज को अपनी बल्लेबाजी पोजीशन बहुत प्यारी होती है. वो किसी भी कीमत में इसे नहीं छोड़ता. हालाँकि भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी पोजीशन से ज्यादा टीम को तरजीह दी है.
इसी कारण हम आज आपको अपने इस विशेष लेख के माध्यम से भारत के 5 सबसे निस्वार्थी खिलाड़ी दिखाने जा रहे हैं, जिन्होनें देश हित के लिए अपनी स्थायी बल्लेबाजी पोजीशन से समझौता कर लिया.
5. सुरेश रैना
सुरेश रैना ने भारतीय बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार की स्थिति में बहुत सफलता हासिल की है. हालांकि, रैना हमेशा से नंबर तीन बल्लेबाज बनना चाहते थे. 2016 के अपने एक साक्षात्कार में, रैना ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने नंबर तीन पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन टीम की आवश्यकता के कारण चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की है
आईपीएल में सबसे पहले 5000 रन पूरे करने वाले सुरेश रैना एक वक्त पर भारतीय टीम के मध्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा थे और धोनी की कप्तानी में टीम ने इन पर काफी भरोसा भी जताया था. इंग्लैंड के खिलाफ जुलाई 2018 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद, सुरेश रैना पिछले कुछ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं.
वह इस साल के अंत में विश्व टी 20 के लिए चयनकर्ताओं की नजर में आना चाहते हैं तो उन्हें इस सीजन जबरदस्त प्रदर्शन करना होगा.