क्रिकेट से संन्यास ले चुके एमएस धोनी (MS Dhoni) ने बतौर कप्तान हर उस मुकाम को हासिल किया जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। फिर चाहे वो भारत को टी20 विश्व कप में चैंपियन बनाना हो, 28 साल बाद वनडे विश्व कप में भारत को विश्व विजेता बनाना हो, या फिर बतौर कप्तान भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जितवाना हो। ऐसे कई अनेकों रिकॉर्ड्स बतौर कप्तान धोनी ने अपने नाम किए हैं। उनका नाम यूं ही दुनिया के सबसे सफलतम कप्तान और विकेटकीपर-बल्लेबाज की लिस्ट में शामिल नहीं है।
इसके साथ ही एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में कई ऐसे नायब खिलाड़ियों ने भी खेला, जिसने भारतीय क्रिकेट को फर्श से अर्श तक पहुँचाने का काम किया लेकिन जैसे ही टीम इंडिया की कमान विराट कोहली के हाथों में आई, इन खिलाड़ियों के करियर का ग्राफ गिरता ही चला गया। आज हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे।
रवींद्र जडेजा
इस लिस्ट में पहला नाम रवींद्र जडेजा का है, जिन्हें भारतीय टीम में लाने वाले एमएस धोनी (MS Dhoni) ही थे। जडेजा को अक्सर कई मौकों पर गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में शानदार प्रदर्शन करते हुए देखा गया है। माही की कप्तानी में जडेजा ने सीएसके की तरफ से खेला और वो धोनी के पसंदीदा खिलाड़ी बन गए। ख़राब प्रदर्शन के बावजूद भी धोनी ने जडेजा को टीम से नहीं निकाला था और यही कारण है कि आज वो दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों की लिस्ट में शुमार हैं लेकिन जैसे ही टीम के कप्तान विराट कोहली बने, वैसे ही जडेजा के करियर का ग्राफ नीचे पहुंच गया। मानो ऐसा लगा कि कोहली की कप्तानी में उनके करियर पर ग्राहण लग गया। जडेजा के क्रीज पर होने के बावजूद भी भारत ने कई मैच गंवाएं हैं।
अंबाती रायडू
इस लिस्ट में दूसरा नाम भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज अंबाती रायडू का है जिन्हें एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में अच्छा खासा मौका मिला। आईपीएल में अपनी पहचान बनाने के बाद रायडू को वनडे में मौका मिला जिन्होंने 2015 का विश्व कप खेलने में भी सफलता हासिल की लेकिन कोहली के कप्तान बनते ही अंबाती रायडू के करियर का ग्राफ नीचे गिरने लगा, जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया था। अंबाती रायडू ने इसके बाद अपने अच्छे प्रदर्शन के बूते साल 2018 में फिर से टीम में वापसी की और लगातार खेलते रहे। रायडू विश्व कप 2019 के पहले तक तो टीम का खास हिस्सा थे, लेकिन इसके बाद विश्व कप की स्क्वॉड से रायडू को बाहर कर दिया। अंबाती रायडू को अच्छी फॉर्म में होने के बाद भी कप्तान कोहली ने नाइंसाफी कर टीम से बाहर कर दिया।
युवराज सिंह
इस लिस्ट में तीसरा नाम युवराज सिंह का है, जिन्हें एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में अच्छा खासा मौका मिला था। युवी ने भारत को साल 2007 के टी20 विश्व कप और 2011 के वनडे विश्व कप को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। गांगुली की कप्तानी में डेब्यू करने वाले युवराज सिंह ने धोनी की कप्तानी में धमाल मचा दिया। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को शिखर पर पहुंचाया लेकिन जैसे ही टीम इंडिया की कमान विराट कोहली के हाथों में आई, उसके बाद से ही युवी के करियर का ग्राफ नीचे गिरता चला गया। साथ ही वो अपनी निरंतरता को बरकरार रख पाने में नाकाम रहे, जिसके बाद उन्हें मजबूरन संन्यास लेना पड़ा।
सुरेश रैना
इस लिस्ट में चौथा नाम सुरेश रैना का है, जिन्होंने एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट को फर्श से अर्श तक पहुँचाने का काम किया। रैना धोनी की कप्तानी में काफी लंबे समय तक खेले हैं और वो धोनी के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक रहे थे। उन्होंने धोनी की कप्तानी में कुल 228 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 35 की औसत के साथ 6228 रन बनाए लेकिन जैसे ही कोहली टीम के कप्तान बने, वैसे ही उनका बुरा दौर शुरू हो गया। रैना ने कोहली की कप्तानी में 26 वनडे मैचों में 542 रन ही बनाए हैं।
रविचंद्रन अश्विन
इस लिस्ट में पांचवां नाम रविचंद्रन अश्विन का है, जिन्हें भारतीय टीम में लाने वाले एमएस धोनी (MS Dhoni) ही थे, जो वर्तमान समय में टीम इंडिया के सीमित ओवर के प्रारूप में कभी-कभी ही नजर आते हैं। धोनी की कप्तानी में अश्विन काफी शानदार मैच विनर बनकर उभरे और अपनी काबिलियत का नजारा पेश किया। उन्होंने धोनी की कप्तानी में 78 वनडे मैचों में 105 और 42 टी-20 मैचों में 49 विकेट हासिल किए, लेकिन कोहली की कप्तानी में अश्विन ने 20 वनडे ही खेले। इस दौरान अश्विन केवल 25 विकेट ही ले सके। मतलब जैसे ही कोहली टीम इंडिया के कप्तान बने, वैसे ही अश्विन के करियर का ग्राफ नीचे जाने लगा।