भारतीय क्रिकेट टीम मे प्रतिभा कि कोई कमी नही है|हर साल रणजी ट्राफी मे कई खिलाडी अच्छा प्रदर्शन करते है|लेकिन उनको काफी कम मौके मिलते है अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मे अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए| धौनी के नेतृत्व में भी कई खिलाडी ऐसे है जिनको भारतीय टीम मे जादा मौके नही मिले है.

यहाँ हम कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे है:

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1) रोबिन उथप्पा:

रोबिन उथप्पा हर साल लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे है|रणजी ट्राफी,दलीप ट्राफी में भी काफी उत्कृष्ट प्रदर्शन किए है| कोलकाता नाइट राइडर के लिए भी अच्छी बल्लेबाजी कर चुके है|उनको टी20 वर्ल्ड कप मे भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नही दिया गया जबकि टी20 वर्ल्ड कप ipl के कू़छ दिन बाद प्रारंभ हूआ|आखिरकार उनको बांग्लादेश के खिलाफ 2014 मे खेलने को मौका मिला|

2)एस. बद्रीनाथ:

यह भी हर साल नियमित रुप से घरेलु क्रिकेट मे अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे है|बद्रीनाथ भारतीय टीम के लिए सिर्फ  2 मैच खेले है 2010 मे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ|बद्रीनाथ ने अपने पहले मैच मे अर्द्धशतक लगाया था|लेकिन इसके बावजुद भी उनको 2012 मे न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेलने का मौका नही दिया गया|उनके जगह लक्ष्मण को मौका दिया गया|

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3)मनोज तिवारी:

इनकी तुलना युवराज सिंह से की जाती है|इनकी प्रतिभा पर कभी भी किसी को संदेह नही हुआ|मनोज तिवारी ने अपना पहला मैच 2008 मे खेला था|लेकिन 3 साल के इंतजार के बाद उनको 2012 मे सी.बी सीरीज और एशिया कप खेलने का मौका दिया गया|श्रीलंका के खिलाफ वनडे मे भी इन्होने महत्वपूर्ण अर्द्धशतक बनाया था|लेकिन उसके बाद चयनकर्ताओ ने उनको लेना सही नही समझा|

4)पंकज सिंह:

इन्होने अपना पहला टेस्ट मैच साउथमाकन मे खेला था|उस मैच मे इनको एक भी विकट नही मिले| लेकिन अगले मैच मे 2 विकट हासिल किए|उसके बाद इनको कभी भी भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नही दिया गया|

5)प्रज्ञान ओझा:

ओझा ने वनडे और टी20 मे खेलने के लिए काफी मौके मिले|ओझा ने विदेशी जमीन पर अच्छा प्रदर्शन नही कर पाया है|ओझा ने आई.पी.एल मे काफी विकट लिए है|इनका टी-20 मे औसत 13.2 और इकॉनमी रेट- 6.28 है लेकिन यह टीम इंडिया मे चयन होने के लिए काफी नही है|