2000 के दशक जब अपने आखिरी हिस्से में पहुंचा तो वो क्रिकेट के लिए एक अभूतपूर्व बदलावों से भरा वक़्त था. टी20 क्रिकेट के नाम पर क्रिकेट का सबसे तेज़ फ़ॉर्मेट अपने वजूद में आया तो फ़ैंस को इस खेल की एक बिल्कुल अलग ही तस्वीर नज़र आने लगी थी.
2007 में क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट का पहला विश्व कप खेला गया. उस विश्व कप को युवा भारतीय कप्तान एमएस धोनी की कप्तानी वाली युवा भारतीय टीम ने शानदार क्रिकेट खेलते हुए अपने नाम किया. हालांकि उसके बाद हुए 5 विश्व कप में भारत एक भी नहीं जीत पाया.
इस लेख में हम तस्दीक करेंगे उन 5 कारणों की जिनसे भारत इस साल होने वाले टी20 विश्व कप 2021 को अपने नाम कर सकता है.
घरेलू परिस्थितियों का फ़ायदा
भारतीय टीम ने अभी तक हुए 6 टी20 विश्व कप में से 2016 के विश्व कप को छोड़ कर बाकी 5 विश्व कप विदेशी धरती पर ही खेले हैं. जिनमें से 2007 में दक्षिण अफ़्रीका में हुए पहले ही विश्व कप में भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में शानदार क्रिकेट खेलते हुए चैंपियन बनी थी.
उसके बाद अगले 5 टी20 विश्व कप में से 1 भारत में भी हुआ, जिसमें मेजबान टीम सेमीफ़ाइनल में वेस्टइंडीज़ से हार कर बाहर हो गई थी. हालांकि इस साल अपने ही देश में होने वाले टी20 विश्व कप में भारतीय टीम घरेलू परिस्थितियों का फ़ायदा उठा कर दूसरी बार चैंपियन बन सकती है.