भारत की सेमीफाइनल की हार दे गई ये 'पांच टिप्स' 1

क्रिकेट डेस्क। भारतीय टीम के दूसरी बार टी-20 विश्‍व कप विजेता बनने के अरमान अधूरे रह गए। वेस्टइंडीज ने गुरुवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में भारत को सात विकेट से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। वेस्टइंडीज को अब फाइनल में इंग्लैंड का सामना करना होगा। भारतीय टीम ने इस मैच में अच्छी बल्लेबाजी की और आधे से अधिक समय जीत की दावेदार बनी रही, लेकिन कुछ मौकों पर चूक करना उसे भारी पड़ गया।

आइए नजर डालते हैं उन बातों पर जो टीम इंडिया को इस हार से सीखनी चाहिए-

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गेंदबाजी के क्षेत्र में हो सुधार की आवश्यकता
इस हार से एक बात तो साबित हो गई कि आपके पास कितने भी अच्छे बल्लेबाज क्यों न हो लेकिन अगर आपकी गेंदबाजी ठीक नहीं है तो मैच जीतना मुश्किल है। भारतीय गेंदबाजों ने सेमीफाइनल में जिस प्रकार का प्रदर्शन किया उससे गेंदबाजी के क्षेत्र में सुधार की सख्त आवश्‍यकता महसूस हो रही है। गुरुवार को वह बुरी तरह फ्लॉप हुई। भारतीय गेंदबाजों ने बेहद खराब प्रदर्शन किया। जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा और हार्दिक पांड्या ने तो 10 से भी ज्यादा की औसत से रन लुटाए। बुमराह ने 4 ओवर में 42, जडेजा ने 4 ओवर में 48 और पांड्या ने 4 ओवर में 43 रन खर्च किए जबकि तीनों ने मिलकर मात्र एक विकेट निकाला।

अत्यधिक आत्मविश्वास होता है घातक

वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल को आउट करने के बाद टीम के अंदर अत्यधिक आत्मविश्वास आ गया कि अब तो मैच उनके ही पाले में है और इस दौरान गेंदबाजी में ढील दे दी गई जिसका परिणाम सभी को पता है। क्रिस गेल और मार्लोन सैम्युल्स को जल्दी आउट करने में भारतीय टीम कामयाब भी रही। मगर इसके बाद चार्ल्स, सिमंस और रसेल ने मैच दूर कर दिया। भारतीय गेंदबाज और धोनी की कप्तानी पूरी तरह बेअसर रही। भारत की जीत के बीच सबसे बड़ा अंतर क्रिस गेल को माना जा रहा था, लेकिन उनके अलावा अन्य बल्लेबाजो ने भारत को हरा दिया।

टीम के 15 खिलाडि़यों को चयन सिर्फ दिखावा ना हो
इस हार ने यह भी साबित कर दिया कि आप अपनी जिद के कारण खिलाडि़यों का चयन नहीं कर सकते है। इस बात का परिणाम टीम इंडिया को भुगतना पड़ता है। इस मैच में हरभजन सिंह को जगह मिलनी चाहिए थी क्यूंकि मुंबई की पिच को उनसे बेहतर कोई गेंदबाज नहीं समझता है। इसी प्रकार अंजिक्य रहाणे को सीधे सेमीफाइनल में खिलाया गया जबकि धवन और रोहि‍त बुरी तरह से फ्लॉप रहे। टीम में विकल्प होते हुए भी हम उन्हें मौका न दें ये बहुत ही गलत है।

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हर पिच के हिसाब से हो टीम की तैयारी
हमने देखा है कि अगर हमारी टीम को उसके अनुरूप पिच मिल जाती है, तो वह बेहतर प्रदर्शन करती है. लेकिन अगर इसके विपरीत पिच मिलती है तो हमेशा संघर्ष करती नजर आती है। हमें खिलाडि़यों को हर परिस्थि‍ति के हिसाब से तैयार करना होगा। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है न्यूज़ीलैंड की टीम जिसने अपने पहले ही मैच में भारतीय टीम को उसी की पिच पर धूल चटा दी, और कैसे मैच अपने नाम किया जाता है बता दिया।

दवाब के समय क्षेत्ररक्षण में हो सुधार
जब हम मैच के बहुत ही नाजुक मोड़ पर होते है तो हमारे खिलाडि़यों का क्षेत्ररक्षण खराब होने लगता है। हमने देखा कि ओवर थ्रो और अति उतावलेपन में हम कई बार गलतियां कर बैठते हैं। ऐसा ही इस मैच में भी देखने को मिला जडेजा ने एक कैच लिया और साथ में बाउंड्री लाइन को भी छू लिया। अगर वहां वह थोड़ी सी समझदारी दिखाते तो हो सकता है मैच का परिणाम आज कुछ और होता। इस बात की सख्त आवश्यकता है कि दवाब में क्षेत्ररक्षण अच्छा हो न की खराब।

Sportzwiki संपादक

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