25 साल पहले नवम्बर महीने में दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में जिमी कुक पहले बल्लेबाज बने थे जिन्होंने अफ्रीका के लिए पहली सफेद गेंद खेली थी. जिमी कुक ही पहले बल्लेबाज बने थे जिन्होंने 22 साल पहले लाल गेंद का सामना किया था वह भी नवम्बर महीने में ही था.
आज साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे तीसरे टेस्ट मैच में जिमी कुक के पुत्र स्टेफेन कुक ने भी नवम्बर महीने में गुलाबी गेंद से शुरआत की और पहले अफ्रीकी खिलाड़ी बन गए हैं, जी हाँ इसके पहले दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहले कभी नही हुआ.
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जिमी कुक ने जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी की थी और पहली बार ऑस्ट्रेलियाई टीम को व्हाइटवाश किया था. आज भी मैदान पर उनके बेटे ने भी कुछ ऐसा ही किया वनडे में व्हाइटवाश होने के बाद टेस्ट में भी सीरीज गवां चुकी ऑस्ट्रेलिया की टीम अपना आत्मसम्मान बचाने के लिए खेल रही है.
इस पिता पुत्र की जोड़ी ने कमाल ही कर दिया और इसके पहले कभी नही हुआ कि किसी टीम के लिए पिता पुत्र ने एक ही महीने और एक ही समय उसी गेंद से मैच खेला हो.
जिमी कुक ने भारत के खिलाफ दिल्ली में हुए तीसरा वनडे खेला था जिसमे उन्होंने 46 बॉल का सामना करते हुए 35 रन बनाये थे और 288 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही अपनी टीम के लिए अहम योगदान दिया था. स्टेफेन ने डरबन टेस्ट के दौरान पहली बाल पर ही अपना कैच सचिन को थमा दिया था और आउट हो गए थे.
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आज स्टेफेन ने 99 गेंद खेली और 40 रन बनाकर आउट हुए. स्टेफेन का यह पांचवा टेस्ट मैच है.