श्रीलंकाई टीम पिछले डेढ़ महीनें से भारत के दौरे पर हैं जहां पर श्रीलंका की टीम ने भारत के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज, तीन मैचों की वनडे सीरीज और तीन मैचों की टी-20 सीरीज खेली। श्रीलंका का भारत दौरा मुंबई में खेले गए अंतिम टी-20 मैच के साथ ही खत्म हो गया है। श्रीलंका को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मैच में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें इस तरह से तीन मैचों की टी-20 सीरीज 0-3 से गंवानी पड़ी।
श्रीलंका को तीनों सीरीज में करना पड़ा हार का सामना
श्रीलंका का भारत दौरा एक बुरे सपने की तरह साबित हुआ। श्रीलंका को जहां पर पहले तो तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-1 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद खेली गई वनडे सीरीज में पहला मैच शानदार अंदाज में जीतकर थोड़ा प्रतिरोध दिखाने की कोशिश की, लेकिन अगले दोनों वनडे मैच हारकर वनडे सीरीज भी 2-1 से खो दी। इसके बाद श्रीलंकाई टीम के समर्थकों को टी-20 सीरीज से आस थी लेकिन वहां भी लंकाई टीम फिसड्डी ही साबित हुई।
श्रीलंका के लिए भारत दौरा रहा एक शिक्षा
फिर भी श्रीलंका के लिए ये दौरा जिस तरह से एकतरफा माना जा रहा था वैसा नहीं रहा और श्रीलंका ने एक वनडे मैच जीता तो वहीं दो टेस्ट मैच ड्रॉ करवाने में भी सफलता हासिल की। श्रीलंका के कोच निक पोथास ने आखिरी मैच में हार के बाद माना कि श्रीलंका की टीम के लिए ये दौरा एक बेहतर शिक्षा की तरह साबित हुआ।
सीखने के दृष्टिकोण से बेहतर रहा भारत दौरा
निक पोथास ने भारत दौरे को लेकर कहा कि
“भारत का कोई भी दौरा बहुत कठिन होता है। एक कोच के दृष्टिकोण और हमारे खिलाड़ियों की दृष्टिकोण से देखे तो मुझे लगता है कि यहां पर सभी खिलाड़ियों ने अपने आप को बेहतर करने के लिए छोड़ा है। अब उनको मानसिक तौर पर ये समझ आ रहा है कि उन्हें सुधार की कितनी जरूरत है और साथ ही शारीरिक रूप से भी उन्हें क्या काम करने की जरूरत है।
कई चीजों पर सुधार की खास जरूरत
इसके साथ ही निक पोथास ने आगे कहा कि
“हमें अब निश्चित रूप से काफी चीजों पर काम करने की जरूरत है। सभी खिलाड़ियों के लिए ये दौरा एक बेहतर स्थान के साथ ही खेल के प्रति एक बेहतर समझ को छोड़ेगा। एक बार आप ऐसी सीरीज को खेलकर जाते हैं तो दो तरीके सामने आते हैं जिसमें या तो आप गिरते ही जाते हैं या आप इससे बेहतर खिलाड़ी बनते हैं। अब हमारे चरित्र का टेस्ट होगा और ये सीरीज हमारे लिए इसका जवाब होगा कि हमनें चरित्र को कितना सीखा।”