ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूजेस ने न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते समय शॉन एबॉट द्वारा फेंके गये बाउंस के सिर में लगने से कोमा में चले गये थे और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
30 नवंबर 1988 मैक्सविले न्यू साउथ वेल्स में उनका जन्म हुआ और वही से 1995 में उन्होंने अपने क्रिकेट कैरिएर की शुरुआत की।
नवंबर 2007 में एस-सी-जी में तस्मानिया के खिलाफ न्यू साउथ वेल्स के लिए प्रथम श्रेणी कैरियर की शुरुआत की।नवम्बर 2007 में एस.सी.जी में तस्मानिया के खिलाफ न्यू साउथ वेल्स से अपने वनडे कैरिएर की शुरुआत की और अपने पहले मैच में 51 रन बनाये।
19 साल की उम्र में फ़रवरी 2008 में शेफील्डशील्ड से पूराकप फाइनल में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाडी बने एससीजी में विक्टोरिया के खिलाफ पुराकप फाइनल मैच में 116 रन बना कर टीम को जीत दिलाई।
फरवरी 2009 में इन्हें ब्रैडमैन युवा क्रिकेटर अवार्ड के लिए चुना गया और मैथ्यू हेडन के सन्यास लेने के बाद फिलिप ह्यूजेस को फोन किया गया और जोहानसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत की और उन्होंने वांडरर्स में क्रमशः 0 और 75 रन बनाये।
मार्च 2009 में टेस्ट मैच की प्रत्येक पारी में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के पहले खिलाडी बने 20 साल की उम्र में उन्होंने डरबन में दूसरे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 115 और 160 रन बनाए।
जुलाई 2009 में शोर्ट पिच गेंद न खेल पाने के कारण 2010 में एशेज के दौरान पहली बार उन्हें टेस्ट टीम से हटा दिया गया था।
मार्च 2010 में राष्ट्रीय टीम में वापसी की और एशेज सीरीज में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया।
श्रीलंका में कैटिच विवाद के बाद उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया गया और पुनः अगस्त 2011 में टेस्ट टीम में शामिल किया गया।
दिसम्बर 2011 में दो मैचों की सीरीज में वो चार बार स्लिप में आउट हुए जिसकी वजह से भारत के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला से उन्हें बाहर कर दिया गया था ।
दिसम्बर 2012 में श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए उन्हें टेस्ट टीम में फिर शामिल क्या गया लेकिन वो सिर्फ दो परियो में 80 रन बना सके।
उन्होंने जनवरी 2013 में अपने वनडे कैरियर की शुरुआत की और अपने पहले ही मैच में 100 रन बनाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई खिलाडी बने।
फ़रवरी 2013 में मेलबोर्न में एलन बॉर्डर मेडल के लिए ऑस्ट्रेलिया घरेलू क्रिकेटर टीम की सूचि में शामिल किये गये थे ।
फरवरी-मार्च 2013 में 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ काफी संघर्ष किया।
2013 जुलाई-अगस्त इंग्लैंड में एशेज सीरीज में दो मैचों से हटा दिया गया था।
जुलाई 2014 में डार्विन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के लिए 202 रन बनाये और 200 रन बनाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई खिलाडी बने।
अगस्त 2014 में उन्होंने 243 रन बनाये टाउन्सविले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह उनका उच्चतम प्रथम श्रेणी स्कोर था।
अक्टूबर 2014 में दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ अपने टी-20 कैरिएर की शुरुआत की यह उनका एक मात्र टी-20 सीरीज था उनका औसत क्रिकेट के सभी फोर्मेट में 40+ था।
25 नवंबर 2014 न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लिए खेल थे जब शेफील्डशील्ड मैच के दौरान एबोट का बाउंसर उनके सिर में जा लगा और वह कोमा में चले गये जहा इलाज के दौरान 27 नवम्बर 2014 को सेंट विन्सेंट हॉस्पिटल सिडनी में उन्हें मृत घोषित किया गया।