क्रिकेट के खेल को जेंटलमैन खेल के नाम से जाना जाता है, इसमें भी मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी ने इसकी छवि को धूमिल कर दिया है. सट्टेबाजी में एक और भारतीय खिलाड़ी का नाम सामने आ रहा है. भारत के लिए खेल चुके तेज गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन को कर्नाटक प्रीमियर लीग के सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
सट्टेबाजी में फंसे अभिमन्यु मिथुन

मिथुन केपीएल में शिवमोग्गा लायंस टीम के कप्तान हैं, जैसा कि मिथुन ने टेस्ट और वनडे दोनों में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया है, सीसीबी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को लूप में रखा है. मिथुन ने भारत के लिए चार टेस्ट और पांच एकदिवसीय मैच खेले.
सीसीबी के एक अधिकारी ने कहा,
“हमने पिछले केपीएल सत्र के दौरान मिथुन के खेल के बारे में कुछ प्रश्न तैयार किए हैं. मिथुन अभी भी सूरत में टी 20 खेल रहे हैं। सीसीबी ने केपीएल सट्टेबाजी घोटाले के सिलसिले में जुलाई से अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें बेलगावी पैंथर्स के मालिक अली असफाक थारा शामिल हैं, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को थरा की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
मिथुन से संपर्क करने के सभी प्रयास विफल रहे, वर्तमान में, गेंदबाज कर्नाटक टीम के साथ सूरत में है, जो सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट में खेल रहा है.
क्राइम ब्रांच की टीम ने टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज रहे अभिमन्यू मिथुन को केपीएल में हुई सट्टेबाजी के मामले में पुछताछ के लिए नोटिस जारी किया है, संयुक्त कमिश्नर (क्राइम) संदीप पाटिल ने बताया कि हमने मिथुन से सीसीबी के सामने पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है.
सट्टेबाजी में कई खिलाड़ियों की हुई है गिरफ़्तारी

केंद्रीय क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले में जुलाई से लेकर अबतक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें बेलगावी पैंथर्स के मालिक अलि अश्फाक थारा शामिल हैं. कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को अली की जमानत याचिका खारीज कर दिया था.
25 अक्टूबर 2019 को तमिलनाडु के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में कर्नाटक की ओर से खेलते हुए पेसर अभिमन्यु मिथुन ने 50वें ओवर में हैट्रिक लेकर इतिहास रच दिया था. दिलचस्प बात ये रही कि 25 अक्टूबर 1989 को बेंगलुरु में जन्मे भारतीय गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन उसी दिन 30 साल के हुए थे, इस पारी में उन्होंने कुल पांच विकेट लिए.