आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप का फाइनल मैच अभी तक खेल प्रेमी भुला नहीं पा रहे है. आज भी सभी का ऐसा मानना है, कि न्यूजीलैंड की टीम खिताब जीतने की ज्यादा हकदार थी. फाइनल मैच में विजेता का ऐलान एक रोमांचक सुपर ओवर के बाद देखने को मिला था.
फाइनल मैच के बाद दुनियाभर के क्रिकेट प्रशंसकों और जानकारों ने आईसीसी के नियमों की कड़ी आलोचना भी की. कुछ एक्सपर्ट्स ने तो यहां तक कहा, कि अब आईसीसी को अपने नियम बदलने के बारे में सोच विचार करना चाहिए.
सचिन के अनुसार सुपर ओवर के बाद होना चाहिए था ये काम
आप सभी को बता दे, कि फाइनल मैच में न्यूजीलैंड के इंग्लैंड के सामने 242 रनों का लक्ष्य था और अंत में यह मैच टाई होने के चलते सुपर ओवर में पहुंच गया. सुपर ओवर में इंग्लैंड ने 15 रन बनाये और किवी टीम के सामने विश्व कप जीतने के लिए 16 रनों का लक्ष्य रखा, लेकिन सुपर ओवर में भी दोनों टीमों का स्कोर बराबर देखने को मिला और आखिर में मैच में ज्यादा ‘बाउंड्री’ लगाने के चलते इंग्लैंड को वर्ल्ड कप विनर घोषित कर दिया गया.
आईसीसी एकदिवसीय वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के बाद सचिन तेंदुलकर का ऐसा मानना है, कि सुपर ओवर में भी मैच टाई होने जाने के बाद एक और सुपर ओवर खेला जाना चाहिए था. अपने ऑफिसियल एप सचिन 100MB पर सचिन ने कहा,
”मेरे ख्याल में बाउंड्री काउंट करने से बेहतर एक और सुपर ओवर के बाद विजेता घोषित होना चाहिए था. सिर्फ विश्व कप फाइनल में ही नहीं, बल्कि हर एक मैच में अब यह महत्वपूर्ण है. फुटबॉल में ही देख लीजिये वहां पर एक्स्ट्रा टाइम मिलता है.”
क्या विश्व कप के प्रारूप में होना चाहिए बदलाव
कई एक्सपर्ट्स का तो यहाँ तक मानना है, कि आईसीसी को विश्व कप के नॉक आउट स्टेज के मैचों में लिए अब प्रारूप में बदलाव करना चाहिये. इस पर सचिन तेंदुलकर ने अपने बयान में कहा,
”मुझे ऐसा लगता है, कि जो दो टीमें टॉप पर फिनिश करती है उनके लिए जरुर कुछ होना चाहिए. आख़िरकार वह टूर्नामेंट के बीच से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर वहां तक पहुंचती है.”