टेस्ट क्रिकेट को लेकर पिछले कुछ समय से एक बड़ी जबरदस्त बहस छिड़ गई है। टेस्ट क्रिकेट में टॉस का कितना महत्व है, ये तो हर कोई जानता है ऐसे में टेस्ट क्रिकेट में टॉस को लेकर ये बहस अपने चरम पर पहुंच गई है । कोई कहता है टेस्ट क्रिकेट में टॉस की प्रक्रिया को खत्म कर मेहमान टीम को बल्लेबाजी या गेंदबाजी चुनने का अधिकार देना चाहिए।
टेस्ट मैचों में टॉस को लेकर छिड़ी है नई बहस
लेकिन कोई खिलाड़ी ये कहता है कि टॉस से कोई खास फर्क नहीं पड़ता, ऐसे में टॉस को खत्म नहीं करना चाहिए। इसी बहस के बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने भी टॉस को लेकर अपनी राय दी है। ऑस्ट्रेलिया के महान विकेटकीपर रहे एडम गिलक्रिस्ट टॉस को टेस्ट क्रिकेट से खत्म करने के पक्ष में नहीं है।
एडम गिलक्रिस्ट नहीं है टेस्ट क्रिकेट में टॉस की प्रक्रिया को खत्म करने के पक्ष में
एडम गिलक्रिस्ट भी उनके हमवतन एलन बोर्डर और दक्षिण अफ्रीका के मौजूदा कप्तान फाफ डू प्लेसीस की तरह ही टॉस के बारे में सोचते हैं। एडम गिलक्रिस्ट ने तो साफ कह दिया है कि टॉस को खत्म करने का नतीजों पर कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिखेगा।
इस युग में विदेशी टीमें नहीं कर पाती घरेलु टीमों का मुकाबला
एडम गिलक्रिस्ट ने इसको लेकर कहा कि
“मुझे लगता है कि हम एक चरण से ही गुजर रहे हैं, जहां विदेशों में टीम अच्छा नहीं कर पा रही है और ये वैसे भी पूरी तरह से फिट बैठेगी। दूसरा युग शुरू होगा तो विदेशों में हावी विरोधी टीम हावी होगी। मुझे लगता है कि क्या हमें इतिहास के बारे में सबकुछ बदलना है?”
सभी टीमें अपनी घरेलु परिस्थिति में मजबूत, टॉस का नहीं पड़ता असर
गिलक्रिस्ट ने अपनी इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि
“ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें जब अपने आखिरी दौरे पर भारत गई थी, तो वहां पर 8-9 टेस्ट मैचों में से 6-7 टॉस मेहमान टीम जीतने में कामयाब रही और जैसे कि आप भारत के करते हैं टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी तो वो(मेहमान टीम) चार में से तीन मैच हार गए। श्रीलंका अपनी घरेलु परिस्थिति में अच्छा खेलती है। हमें इसके बारें में चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि घरेलु परिस्थितियों मे कोई भी अपनी बेहतर कौशलता के साथ खेलता है। “
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