पिछले कुछ सालों में यदि कोई टीम क्रिकेट जगत में काफी तेजी से उभरी हैं, तो वह एशिया की अफगानिस्तान की टीम हैं. इया टीम ने इस बात को अपने खेल के जरिये साबित कर दिया, कि यदि दिल में खेलने का जज्बा हो तो वह किसी भी हालात से निकलकर अपने आप को साबित कर सकते हैं.
अफगानिस्तान को अपने देश में क्रिकेट जैसे खेल को खेलने के लिए काफी प्रयास करने पड़े थे, जिसके बाद उनके खिलाड़ियों ने जब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया तो उनकी तारीफ हर जगह पर हुयीं थी.
भारत ने किया काफी सहयोग
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अफगानिस्तान को अपने देश में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए काफी सहयोग किया हैं. अफगानिस्तान की टीम ने अभी तक अपने अधिकतर घरेलू मैच भारत के ग्रेटर नोएडा स्थित शहीद विजय पथिक सिंह स्टेडियम में ही खेले है. इसके अलावा अफगानिस्तान की टीम ने दूसरा घरेलू मैदान शारजाह के मैदान को भी बनाया था, जहाँ पर उसने हाल में ही काफी मैच खेले हैं.
शारजाह में वनडे तो नोएडा में टी20
अफगानिस्तान की टीम ने इस साल के शुरू में आयरलैंड के खिलाफ पांच मैच की वनडे सीरीज शारजाह में खेली थी, जिसके बाद उसने तीन मैच की टी20 सीरीज नोएडा में आकर खेला था, इसके बाद जुलाई के महीने अफगानिस्तान की टीम को तब सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी जब उसे आईसीसी ने टेस्ट मैच खेलने का दर्जा दिया गया और टीम इस साल के अंत तक अपना पहला टेस्ट मैच खेलने की तैयारी कर रहीं हैं.
शारजाह के स्टेडियम को चुना
क्रिकट्रेकर में अभी हाल में छपी खबर के अनुसार अफगानिस्तान इस साल के अंत में अपना पहला टेस्ट मैच जिम्बाब्वे की टीम के साथ शारजाह में खेलने पर विचार कर रहीं हैं, क्योकि उस वक्त भारत में सर्दी का मौसम आ चुका होगा, जिस कारण यहाँ पर खेलना काफी मुश्किल भरा हो जाता हैं.
दिसम्बर और जनवरी के समय दिल्ली और नोएडा में काफी सर्दी पड़ती हैं और कोहरे के कारण यहाँ पर खेलने के लिए हालात बेहतर नहीं होते हैं, जिस कारण हमने शारजाह में खेलने पर विचार कर रहे हैं.