विश्व कप 2019 वाकई में कई मायनो में दूसरे विश्व कप से अलग था, इस बार इस टूर्नामेंट मे काफी कुछ नया हुआ. इसके बाद भी इंग्लैंड ने इस बार का विश्व कप अपने नाम कर लिया. पर जिस प्रकार से न्यूजीलैंड को टूर्नामेंट से बाहर किया गया उससे सभी लोग आईसीसी के नियम के खिलाफ बात कर रहे है. दो बार फाइनल से बाहर होने के बाद न्यूजीलैंड की टीम को भी यह हार कुछ रास नहीं आई होगी.
विश्व कप फाइनल में आईसीसी के इस नियम की हो रही आलोचना
क्रिकेट के महायुद्ध यानी कि विश्व कप इतिहास मे पहली बार ऐसा हुआ जब विजेता टीम का नाम घोषित करने के लिए सुपर ओवर का सहारा लेना पड़ा हो. आईसीसी का बाउंड्री वाला नियाम सबके समझ से परे है.
पहले मैच टाई हुआ फिर उसके बाद न्यूजीलैंड ने सुपर ओवर भी टाई कर दिया पर इसके बाद आईसीसी ने बताया की जिस टीम ने सुपर ओवर और मैच मे सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाई होंगी उसको विजेता बनाया जाएगा, इसलिए इंग्लैंड ने 28 बाउंड्री लगाई और न्यूजीलैंड ने 17 इसी कारण से इंग्लैंड ने ट्राफी को हासिल किया.
ऐसा रहा विश्व कप फाइनल मुकाबला
बेन स्टोक्स को कल के मैच में मैन ऑफ़ द मैच बनाया गया क्योंकि उन्होंने टीम का आखिरी समय तक साथ दिया और सुपर ओवर जैसे दबाव पूर्ण स्थिति में भी टिक कर खेला 98 गेंदों पर नाबद 84 रन बना दिया. प्लंकेट और क्रिस वोक्स ने सबसे ज्यादा 3 -3 विकेट झटके.
वही न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट का अवार्ड दिया गया वही बल्लेबाजी में न्यूजीलैंड के लॉकी फर्गुसन और जेम्स निशम ने 3- 3 विकेट झटके.
आईसीसी को इन दिग्गजों ने किया ट्रोल
गौतम गंभीर ने ट्वीट कर आईसीसी से पूछा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस तरह के मैच में ज्यादा बाउंड्री लगाने वाली टीम को विजेता कैसे घोषित किया जा सकता है.